Raigarh News: रायगढ़ के शारदा होंडा शोरूम चोरी का खुलासा, कर्मचारी ही निकला मास्टरमाइंड, 3 लाख 52 हजार रुपये और बाइक जप्त

रायगढ़। रायगढ़ शहर से आज एक बड़ी खबर आ रही है, जहां पुलिस ने एक हाई-प्रोफाइल चोरी के मामले को चंद दिनों में ही सुलझा लिया है। जूटमिल थाना क्षेत्र के शारदा होंडा शोरूम से लाखों की नकदी चोरी का खुलासा हो गया है, और हैरानी की बात ये है कि चोर कोई और नहीं, बल्कि शोरूम का ही एक कर्मचारी निकला!
चोरी की वारदात और पुलिस का त्वरित एक्शन
ये घटना 13 जुलाई की रात की है। चैतन्य नगर निवासी पंकज अग्रवाल ने 14 जुलाई को जूटमिल थाने में शिकायत दर्ज कराई कि शारदा होंडा शोरूम के ऑफिस से दिनभर की बिक्री के 3 लाख 72 हजार 570 रुपये लॉकर समेत चोरी हो गए हैं। इतनी बड़ी रकम की चोरी की खबर मिलते ही पुलिस फौरन हरकत में आ गई। जूटमिल पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
शक की सुई और आरोपी की गिरफ्तारी
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी प्रशांत राव के नेतृत्व में एक जांच टीम बनाई गई। टीम ने सबसे पहले शोरूम और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। पूछताछ के दौरान शोरूम के स्टाफ पर भी बारीकी से नजर रखी गई। तभी, पुलिस को एक कर्मचारी दिनेश साहू पर शक हुआ। दिनेश घटना के बाद से ड्यूटी पर नहीं आ रहा था और उसका मोबाइल फोन भी बंद था। पुलिस ने फौरन मुखबिरों को सक्रिय किया। आज, 23 जुलाई को, पुलिस को पुख्ता सूचना मिली और टीम ने ग्राम कोतरलिया में दबिश देकर दिनेश साहू को गिरफ्तार कर लिया।







जुर्म कबूल, रकम और बाइक बरामद
पूछताछ में 40 वर्षीय आरोपी दिनेश साहू ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि चोरी की गई रकम में से करीब 15 से 20 हजार रुपये उसने खर्च कर दिए थे, जबकि बाकी बची 3 लाख 52 हजार 240 रुपये लॉकर सहित अपने घर के बाड़ी में छिपाकर रखी थी। पुलिस ने दिनेश के बताए ठिकाने से चोरी की गई रकम के साथ-साथ वारदात में इस्तेमाल की गई हीरो होंडा सीडी डॉन बाइक (जिसकी कीमत लगभग 30 हजार रुपये है) भी बरामद कर ली है।
पुलिस टीम की सराहना
चोरी की इस गुत्थी को सुलझाने में जूटमिल थाना प्रभारी प्रशांत राव, प्रधान आरक्षक दिलदार कुरैशी, आरक्षक लखेश्वर पुरसेठ, शशि भूषण साहू, सुशील यादव और नरेश रजक की भूमिका बेहद सराहनीय रही। आरोपी दिनेश साहू को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। रायगढ़ पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराधी कितनी भी शातिर क्यों न हों, कानून के हाथ उन तक पहुंच ही जाते हैं।