Raigarh News : प्रभावितों को न मुआवजा दिया न नौकरी दी न विस्थापित किया! अब दूसरी यूनिट लगाने की तैयारी में है एनटीपीसी लारा, जनसुनवाई 20 को

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रायगढ़। जिले के पुसौर ब्लाक के दर्जनभर गांव को जद में लेने वाली एनटीपीसी लारा 13 सालों में भी प्रभावितों को न नौकरी दे सका न मुआवजा दिया और न ही प्रभावितों को विस्थापित कर सका। अब यही एनटीपीसी लारा अपने दूसरे यूनिट की विस्तार की तैयारी में है। जिसके लिए जनसुनवाई 20 फरवरी को ग्राम महलोई में रखी गई है। एनटीपीसी लारा के इस जनसुनवाई को लेकर क्षेत्र में भारी आक्रोश है खासकर प्रभावित युवा वर्ग इस जनसुनवाई को लेकर जबरदस्त विरोध की तैयारी में है।

एनटीपीसी लारा अब दूसरे चरण का काम शुरू करने जा रहा है। एनटीपीसी लारा में 4000 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित किया जाना है। 800 मेगावाट के दो यूनिट पहले से स्थापित हो चुके हैं। अब दूसरे चरण का काम प्रारंभ होने वाला है। इसमें भी 800-800 मेगावाट के दो और यूनिट लगाई जाएंगी।











एनटीपीसी लारा में पहले चरण में दो ही यूनिटों का काम हो सका था। कम्पनी का दावा है कि दूसरे चरण के लिए कोई अतिरिक्त भू-अर्जन की जरूरत नहीं पड़ेगी। 4000 मेगावाट के लिए एनटीपीसी को पांच यूनिट का निर्माण करना होगा लेकिन पांचवी यूनिट को लेकर कुछ असमंजस है। दरअसल, मार्च 2027 तक बिजली की मांग में साढ़े सात प्रतिशत तक इजाफा होने का अनुमान है। अगले पांच सालों में इस डिमांड को पूरा करने के लिए एनटीपीसी भी तैयारी कर रहा है। इसके लिए पर्यावरणीय जनसुनवाई 20 फरवरी 2023 को ग्राम महलोई में रखी गई है। इधर प्रभावितों की माने तो 13 साल पहले जब एनटीपीसी लारा ने पहली यूनिट लगाई थी तब 9 गांव के सैकड़ो लोग प्रभावित हुए थे। एनटीपीसी ने मुआवजा, पुनर्वास और नोकरी देने का वायदा किया था। लेकिन आज भी प्रभावित परिवार के बेरोजगार लोगों को एनटीपीसी में नोकरी नहीं मिली। कई ऐसे प्रभावित हैं जिन्हें मुआवजा और पुनर्वास राशि कम्पनी से नहीं मिला। ऐसे में कम्पनी के फिर से जनसुनवाई को लेकर लोगों में आक्रोश है।

कहर बनकर लोगों पर टूटेगा फ्लाई ऐश
एनटीपीसी लारा की क्षमता दोगुनी होगी तो कोयले की खपत भी डबल हो जाएगी। तब फ्लाई एश का उत्सर्जन भी दोगुना होने लगेगा। अभी जितना एश निकल रहा है, उसका डिस्पोजल नहीं हो पा रहा है। आने वाले समय में और भी भयावह स्थिति होने वाली है। पानी की डिमांड भी बढ़ेगी। फ्लाईएश के डस्ट से सैकड़ों गांव प्रभावित होंगे।













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