Raigarh News: रामनवमी की शोभायात्रा में राममय हुआ रायगढ़…भगवा रंग में रंगा शहर…गूंजे श्रीराम के जयकारे

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हजारों की संख्या से शामिल हुए रामभक्त… 

आकर्षण का केन्द्र रहा अयोध्या के तर्ज पर बने रामलला की प्रतिमा और अयोध्या मंदिर का स्वरूप

रायगढ़। शहर में बुधवार को रामनवमी के अवसर पर भगवान रामचंद्र जी का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा में करीब 50 हजार से अधिक रामभक्तों हिस्सा लेने का अनुमान जताया गया है। शोभायात्रा इतनी लंबी थी कि यह शाम 5 बजे जब नटवर स्कूल से यात्रा प्रारंभ हुई इसका आखरी छोर दिखाई नहीं पड़ रहा था। जहां-जहां से शोभा यात्रा गुजरी वहां पर फूल बरसा कर स्वागत किया गया, श्रीराम जन्मोत्सव शहर में पूरे धूमधाम से मनाया गया। शहर के 50 से ज्यादा जगहों से झांकियां निकाली गई, सबसे पहले शाम को नटवर स्कूल मैदान में एकत्रित हुए, जहां से रैली के रूप में निकली, इस बार रामनवमी शोभायात्रा का 10वां वर्ष था। इस शोभायात्रा में शामिल होंने के लिए शहर के गली मोहल्लों से लेकर ग्रामीण इलाकों के भी लोग इसमें हिस्सा लेने के लिए दोपहर से पहुंचे हुए थे। इस शोभायात्रा विशेष बात यह रही कि जिसकी भव्यता देखते ही बन रही थी। इस बार शोभायात्रा का आकर्षण का केन्द्र अयोध्या के तर्ज पर रामलला की प्रतिमा को बनाया गया था, वही अयोध्या मंदिर का स्वरूप को भी प्रतिकात्मक रूप में सजाया गया था, इसी को देखने के लिए आम लोगों का हुजूम लगा रहा। वही पंजाब से गतका पार्टी, महाराष्टÑ से तासा, पंजाब के गतका और अघोरियों ग्रुप का प्रर्दशन आर्कषण का केन्द्र बना रहा। कार्यक्रम में वित्त मंत्री ओपी चौधरी के साथ समाजसेवी सुनील अग्रवाल (लेन्ध्रा), बीजेपी अध्यक्ष उमेश अग्रवाल सहित अन्य नेताओं ने भी शोभायात्रा में भ्रमण कर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।

सवा लाख बातियों से पूजा हुई-

शोभयात्रा जब नटवर स्कूल के पास जब शुरूआत हुई तो सवा लाख बातियों से पूजा अर्चना की गई। इसके बाद शोभायात्रा का शुभारंभ हुआ, इस दौरान ५० से ज्यादा समाज के पदाधिकारी और लोग शामिल थे। इसी तरह शोभायात्रा में समापन गांधी गंज स्थित राम मंदिर परिसर में पहुंची तो यहा भी विशेष बातियों से भगवान श्री राम की आरती की गई। शोभायात्रा प्रतिकात्मक स्वरूप राम, सीता के साथ हनुमान और लक्ष्मण को भी बनाया गया था, जिसमें इनकी भी आरती की गई, चौक चौराहों में विभिन्न संगठनों द्वारा भी आरती और पूजा अर्चना की गई।

इस बार शोभायात्रा का आकर्षण का केंद्र रहा-

इस बार शोभायात्रा में अयोध्या में जिस तरह से रामलला की प्रतिमा बनाई गई है, उसी तरह प्रतिकात्मक रूप में प्रसिद्ध आर्टिस्ट पांचाल ने बनाया था।

इस प्रतिमा को बनाने के लिए विशेष तौर पर बाहर से आर्टिस्ट को बुलाया गया था। पूरे शोभायात्रा में यही आर्कषण केन्द्र बना हुआ था, जहां से भी यह प्रतिम गुजरी, लोगों का फोटो खिचवाने का हुजूम लग गया।

 

पंजाब से गतका पार्टी बुलाई गई थी। इस पार्टी ने सड़को में शस्त्र से करतब दिखाया, इसमें बच्चों द्वारा भी प्रर्दशन किया गया, शोभायात्रा में

जो अपने हैरत अंगेज करतब दिखाया। इनका करतब दल युद्ध कौशल के लिए मशहूर हैं, इसी का करतब को रायगढ़ की सड़को में करके दिखाया गया। इस दल में छोटे और बड़े उम्र के सदस्यों ने शस्त्र अनोखा प्रर्दशन कर दिखाया, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही।

 

महाराष्ट्र से 70 लोगों का समूह से जुड़ा तासा दल भी खास था, जिसमें 25 महिलाओ थी, यह बड़े बड़े डोल और नगाड़े के साथ सामूहिक तौर पर इसे बजाकर लोगों को अपनी ओर आर्कषित किया, बड़ी बात हैं कि यह तासा दल हर साल इस शोभायात्रा में आती है। यह हर बार आम लोगों को रि­ााती है। पूरे शोभायात्रा के दौरान महाराष्टÑ के वर्धा से आए इस दल ने अपने पारंपरिक अंदाज में ढ़ोल को बजाया, इसे बजाने वाले युवाओं और महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में दिखाई दी।

वर्धा से आए दैवत ढ़ोल ने सबको अपनी ओर खीचा-

वर्धा से आए हुए समूह के साथ हनुमान जी की प्रतिकात्मक रूप देखने को मिला, शोभायात्रा को खास बनाने के लिए इसे विशेष तौर पर हनुमान जी का प्रतिकात्मक रूप बनाने के लिए एक व्यक्ति को विशेष बुलाया गया था। जो पूरी तरह हनुमान जी के रूप दिखाई पड़ रहा था, इसी तरह बाहुबली हनुमान, शिव और उनके साथ 6 अघोरियों का समूह सफेद बपूत लगाकर पारंपरिक गीतों में नाचा, लोगों का ध्यान अपनी ओर खीचा, शोभायात्रा में यह आर्कषण केन्द्र बना हुआ था। पारंपरिक रूप में महिलाओं का समूह द्वारा आदिवासी नृत्य के साथ नृत्य और संगीत से आम लोगों को रि­ााया गया।

बड़े धमाल और डीजे में ­ाूमे युवा- पूरे शोभायात्रा में बड़े बड़े धमाल और डीजे में भक्ती और राममय गीतों के धून पर युवा काफी ­ाूमे, शोभायात्रा की शुरूआत शाम साढ़े ५ बजे से शुरू हुआ, जो देर रात साढ़े ११ बजे तक चलता रहा। पूरे समय यह धमाल और डीजे की धून पर युवा नाचते गाते रहे, इस धमाल से राम आएंगे, तो अंगना सजाऊंगी….., रामजी की निकली सवारी….., राम नाम…….. जैसे गीतों से लोगों को काफी देर तक बांधे रखा।

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