छत्तीसगढ़

रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में डॉक्टरों का कमाल: 7 CM तक चेहरे में धंसे औजार को निकाल कर बचाई मासूम की जान

रायपुर, 17 जुलाई 2025: पंडित नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के ईएनटी (नाक, कान, गला) विभाग के डॉक्टरों ने एक बार फिर मेडिकल साइंस में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कोरबा जिले के 14 वर्षीय एक बालक के चेहरे में 7 सेंटीमीटर तक घुसे एक तीरनुमा लोहे के औजार को सफलतापूर्वक निकालकर उसकी जान बचाई। यह सर्जरी इसलिए भी चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि औजार चेहरे की मांसपेशियों को चीरता हुआ मुख्य लार ग्रंथि (Parotid Gland) और गले की मुख्य रक्त वाहिनियों के बेहद करीब, यहां तक कि रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल कॉर्ड) के पास तक जा पहुंचा था।

जान जोखिम में थी, पर डॉक्टरों ने नहीं मानी हार
ईएनटी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. हंसा बंजारा के नेतृत्व में यह जटिल सर्जरी की गई। डॉ. हंसा बंजारा के अनुसार, 17.5 सेमी लंबे इस औजार का लगभग 7 सेमी हिस्सा बालक के चेहरे और गले के भीतर धंसा हुआ था। यह औजार गले की मुख्य खून की नलियों के बीच से होता हुआ स्पाइनल कॉर्ड के पास ‘पैरास्पाइनल स्पेस’ तक पहुंच गया था।

सर्जरी टीम में डॉ. हंसा बंजारा के साथ डॉ. दुर्गेश गजेंद्र, डॉ. अंकुर कुमार चंद्राकर, डॉ. प्रियंका साहू (पी.जी. छात्र) और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. प्रतिभा जैन शाह, डॉ. अमृता और डॉ. नीरज (पी.जी. छात्र) शामिल थे।

जटिलताओं से भरी थी चुनौती
डॉक्टरों ने बताया कि इस सर्जरी में लार ग्रंथि (पैरोटिड टिश्यू) को अपनी जगह से हटाना पड़ा और ग्रंथि के अंदर से जाने वाली चेहरे की नस (फेशियल नर्व) के बीच से औजार को बड़ी सावधानी से निकाला गया। औजार का किनारा गले की मुख्य खून की नलियों के बिल्कुल पास होने के कारण थोड़ी सी भी चूक से अत्यधिक रक्तस्राव, चेहरे या शरीर के लकवाग्रस्त होने और यहां तक कि जान जाने का खतरा था। हालांकि, सभी सावधानियों का पालन करते हुए, औजार के आखिरी हिस्से को, जो स्पाइनल कॉर्ड और स्पाइनल नसों के पास था, बड़ी कुशलता से निकाला गया।

सफल सर्जरी, परिजनों ने जताया आभार
जटिलताओं से बचते हुए सफलतापूर्वक की गई इस सर्जरी के बाद बालक अब पूरी तरह ठीक है। मरीज के परिजनों ने डॉक्टरी टीम के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दक्षता और संयम ने यह असंभव लगने वाली सर्जरी सफल बनाई, जिससे संस्थान के प्रति उनका विश्वास और भी बढ़ गया है।

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