धन बल की कमी की वजह से कांगे्रस प्रचार-प्रसार में पिछड़ते जा रही- चरणदास महंत, हंसदेव कटने से हाथियों का रूट प्रभावित हो रहा जिससे हाथी शहर तक पहुंचा रहे

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रायगढ़. रामनवमी के अवसर पर रायगढ़ पहुंचे छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष तथा पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांगे्रसी नेता चरणदास महंत ने महापल्ली मार्ग में स्थित मनकामेश्वर मंदिर में आयोजित पूजा अर्चना में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव के संबंध में अपनी बातें रखी।

रामनवमी के अवसर पर रायगढ़ पहुंचे छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष तथा पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांगे्रसी नेता चरणदास महंत ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में धन बल की कमी की वजह से कांगे्रस प्रचार-प्रसार में पिछड़ते जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हमारे सभी बैंक खाताओं को सीज कर दिया गया है। कांगे्रस के प्रत्याशियों को केन्द्र से किसी प्रकार की मदद नही मिल रही है। यहां की सरकार बदल जाने के बाद यहां के व्यापारीगण उनके मुंह फेर चुके हैं। और आज का चुनाव धन का चुनाव है, और इस कारण से हमारे प्रचार-प्रसार में कमी दिख रही है।

चरणदास महंत ने कहा कि जहां तक मुद्दे की बात है तो हमारे पास अधिक मुद्दे हैं, उनके न्याय पत्र में किसान, युवा, महिलाओं का ध्यान रखा गया है जिससे जनता उनके पक्ष में जुड़ेगी। बातचीत के दौरान चरणदास महंत ने इस बात को माना कि कांगे्रस में मची भगदड में भी अपनी बात रखी और कहा कि बड़े पैमाने पर दबाव डालने से यह स्थिति बन रही है। कांगे्रस छोड कर जाने वाले लोग कितने दिन रहेंगे और क्या करेंगे ये उनसे ज्यादा कोई नही जान सकता।
एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ कांगे्रस नेता चरणदास महंत ने इस बात को माना अविभाजित मध्यप्रदेश के समय कांग्रेस संगठित हुआ करती थी, छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश एक था और छत्तीसगढ़ आने के बाद गुटीय राजनीति में फंस गए। उन्होंने विद्याचरण शुक्ल से लेकर श्यामा चरण शुक्ल के साथ-साथ मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व अजीत जोगी का नाम लिया और इसके बाद थोडा बिखराव आया और हमे लगता है कि इसी गुटीय राजनीति के कारण कांगे्रस में कमजोरी आई है। महंत ने टीएस बाबा की बात का भी समर्थन किया। चर्चा के दौरान नक्सली व पुलिस मुठभेंड में मारे गए 29 से अधिक नक्सलियों पर भी जवानों को बधाई देते हुए कहा कि एक योजनाबद्ध तरीके से पुलिस का आपरेशन सफल हुआ था और पहले इस मुंठभेंड पर सवाल उठ रहे थे। लेकिन अब लगता है कि एक रणनीति के तहत पुलिस को यह सफलता मिली है।
बातचीत के दौरान चरणदास महंत ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रीमंडल में शपथ लेने के पूर्व हसदेव अरण्य के जंगलों का काटा जाना, हसदेव अरण्य के जंगल को काटने से हंसदेव-बांगोर का जो परियोजना है वह खत्म हो जाएगा। यहां लगातार बड़े-बड़े कोयले की खदानें खुल रही है, और गड्ढे बनेंगे। हाथियों का जो स्वाभाविक रूट है, नेपाल से लेकर रायपुर तक वे जाते है और वहां से वे प्रजनन के पश्चात बच्चों को लेकर वापस आते हैं। हाथियों का यह रूट प्रभावित होनें की वजह से वे अब शहरों की ओर आना शुरू कर चुके हैं। पर्यावरण पूरी तरह से नष्ट हो रहा है।

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