छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद के बड़े फैसले: किसानों को राहत, पेंशन फंड का गठन और नई लॉजिस्टिक पॉलिसी को मंजूरी

रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद ने किसानों के हितों को साधने, वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने और राज्य में लॉजिस्टिक सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इन फैसलों में कृषक उन्नति योजना का विस्तार, पेंशन फंड का गठन और नई लॉजिस्टिक पॉलिसी का अनुमोदन प्रमुख हैं।
1. कृषक उन्नति योजना का दायरा बढ़ा:
मंत्रिपरिषद ने कृषक उन्नति योजना के प्रचलित निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका दायरा बढ़ा दिया है। अब खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ ऐसे किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे, जो पंजीकृत धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का जैसी अन्य फसलें लगाते हैं। इसका अर्थ है कि जिन किसानों ने खरीफ 2024 में धान की फसल लगाई थी और समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, यदि वे खरीफ 2025 में धान के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि की खेती करते हैं, तो उन्हें भी कृषक उन्नति योजना के तहत आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
2. छत्तीसगढ़ पेंशन फंड का गठन:
राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, भविष्य में सेवानिवृत्ति के समय पेंशन भुगतान संबंधी दायित्वों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन को मंजूरी दी गई है। इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है।
3. छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड का अनुमोदन:
राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास और राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड के गठन को भी मंत्रिपरिषद ने अपनी स्वीकृति दे दी है। इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है। यह फंड राज्य के राजस्व में असामान्य वृद्धि/कमी का समुचित प्रबंधन करने और आर्थिक मंदी के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होगा।
4. छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 को मंजूरी:
राज्य में लॉजिस्टिक सेक्टर के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है। इस पॉलिसी से छत्तीसगढ़ को एक लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे निर्यात अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी। इसका उद्देश्य राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाते हुए राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लॉजिस्टिक हब की स्थापना के लिए आकर्षित करना है।
इस नीति से राज्य की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे उद्योगों, व्यापारियों और किसानों को सस्ती भंडारण सुविधा मिलेगी। लॉजिस्टिक लागत कम होने से व्यापार, निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, ड्राई पोर्ट/इन्लैंड कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों और स्थानीय उत्पादकों को निर्यात बाजारों तक पहुँचने का अवसर मिलेगा। यह नीति राज्य के प्रचुर वन संसाधन, वनोपज एवं वनौषधि उत्पाद के निर्यात हेतु इको सिस्टम तैयार करेगी और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी, जिससे राज्य लॉजिस्टिक्स एवं निर्यात क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
5. छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 का अनुमोदन:
राज्य के कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है। इस विधेयक से व्यवसाय और जीवनयापन में सहजता बढ़ेगी, साथ ही अनावश्यक न्यायालयीन प्रकरणों और उनमें होने वाले व्यय में कमी आएगी।







6. रिडेवलपमेंट योजना अंतर्गत 7 योजनाओं को स्वीकृति:
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विभिन्न विभागों/निगम/मंडल/कंपनी/बोर्ड के पूर्व निर्मित एवं जर्जर भवनों तथा इनकी अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास और सदुपयोग के लिए रिडेवलपमेंट योजना अंतर्गत 7 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इनमें शांति नगर रायपुर, बीटीआई शंकर नगर रायपुर, कैलाश नगर राजनांदगांव, चांदनी चौक फेस-2 जगदलपुर, सिविल लाइन कांकेर, क्लब पारा महासमुंद और कटघोरा कोरबा शामिल हैं।
7. पदोन्नति नियमों में छूट:
वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के अंतर्गत उच्च श्रेणी पंजीयन लिपिक/रिकार्ड कीपर से तृतीय श्रेणी कार्यपालिक, उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए निर्धारित 05 वर्ष की न्यूनतम अर्हकारी सेवा को केवल एक बार के लिए 02 वर्ष निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।