BIG BREAKING : नंदकुमार साय कांग्रेस में हुए शामिल, एक दिन पहले भाजपा से दिया था इस्तीफा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार साय ने सत्ता वापसी की कोशिशों में जुटी बीजेपी को झटका देते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया है. नंद कुमार साय चार दशक से अधिक समय से बीजेपी से जुड़े हुए थे. नंद कुमार साय को खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई. इसके बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जुड़ा हाथ से हाथ, मिला आपका साथ.भरोसे के साथ जारी है, आदिवासी हित की बात. स्वागत एवं अभिनंदन डॉ नंद कुमार साय जी.हाथ से हाथ जोड़ो…जारी है..’

दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने के एक दिन बाद सोमवार को कांग्रेस की सदस्यता ले ली. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, मंत्री मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया, प्रेम साय सिंह टेकाम समेत तमाम कांग्रेस के दिग्गज नेता मौजूद थे.


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नंदकुमार साय का राजीव भवन में स्वागत किया. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नंदकुमार साय जाना-पहचाना चेहरा है. तीन बार के विधायक और पांच के बार सांसद रहे. भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा नंदकुमार साय का जीवन सादगीपूर्ण रहा है. उन्होंने कहा कि साय ने पूरा जीवन आदिवासियों के लिए समर्पित किया. आदिवासी हितों के लिए लड़ते हैं, मीडिया में कांग्रेस की प्रशंसा करते रहे. बहुत ही निश्चल मन के व्यक्ति हैं साय. कांग्रेस की नीति और सिद्धांत पर उन्होंने भरोसा जताया है.

इस दौरान नंदकुमार साय ने कहा कि मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय रहा है. मैं शुरुआती दौर से भाजपा का सदस्य रहा हूँ, जनसंघ से जुड़ा रहा हूँ. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया हुआ. स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम किया हुआ. मैं संस्कृत और साहित्य का विद्यार्थी रहा हूँ. मैं अटल और राजमाता विजयाराजे सिंधिया, लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज को फॉलो करता रहा हूँ, लेकिन आज भाजपा वैसी पार्टी नहीं, जैसी थी.

साय ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार जरूर है, लेकिन पार्टी अब पहले की तरह नहीं है. भूपेश सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है. धरातल पर भूपेश सरकार काम कर रही है. सरकार ने कृषि आधारित सेक्टर पर काम किया है. सरकार ने जैसा नारा दिया उस पर काम किया. नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना कारगर नजर आती है.

कौन हैं नंद कुमार
छत्तीसगढ़ की सियासत का बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाने वाले नंद कुमार साय तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे हैं. नंद कुमार साय साल 1977 में पहली बार अविभाजित मध्य प्रदेश की विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. वे मध्य प्रदेश के विभाजन, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन से पहले तीन बार विधायक रहे. अविभाजित मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके नंद कुमार साय तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हो चुके हैं. छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद जब अजीत जोगी मुख्यमंत्री बने, बीजेपी ने नंद कुमार को विधानसभा में विपक्ष का नेता की जिम्मेदारी दी थी.

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