Raigarh News: रायगढ़ में 42 किसानों की फसल को किया बर्बाद, 78 हाथियों की मौजूदगी

रायगढ़। रायगढ़ जिले में हाथियों के एक दल ने एक बार फिर किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुँचाया है। रात भर में 42 किसानों की धान की फसलें बर्बाद हो गईं। इस घटना की जानकारी लगते ही संबंधित विभाग ने नुकसान का आकलन करने के लिए अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
शनिवार की रात, हाथियों का एक बड़ा समूह जंगल से निकलकर आस-पास के गांवों के खेतों में पहुंचा। इस दौरान उन्होंने कई एकड़ जमीन पर फैली धान की फसलों को तबाह कर दिया। नुकसान की सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया, जिसके बाद वनकर्मी मौके पर पहुँचकर स्थिति का जायजा लेने लगे।
फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले गांवों की सूची
हाथियों ने जिन गांवों में धान की फसलों को नुकसान पहुँचाया, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
कटाईपाली
बेहरामुड़ा
लोटान
देउरमार
फुलीकुंडा
बोजिया
औरानारा
इंचपारा
इन गांवों में 21 किसानों की फसलें कटाईपाली, बेहरामुड़ा, लोटान और देउरमार में बर्बाद हुईं, जबकि फुलीकुंडा में 9, बोजिया में 8, औरानारा में 2, और इंचपारा में भी 2 किसानों की फसलें प्रभावित हुईं।
वन विभाग की प्रतिक्रिया और नुकसान का आकलन
ग्रामीणों द्वारा हाथियों की गतिविधियों की सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को सलाह दी कि वे हाथियों के साथ छेड़छाड़ न करें, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। इसके बाद, वन विभाग ने सुबह होते ही नुकसान का आकलन शुरू कर दिया।
सुबह के समय जब किसानों ने अपने खेतों का मुआयना किया, तो उन्हें पता चला कि उनके खेतों में लगी फसलों का अधिकांश हिस्सा हाथियों द्वारा बर्बाद कर दिया गया है। यह स्थिति किसानों के लिए अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि वे अपनी मेहनत से उगाई गई फसलों को सहेजने में असमर्थ हैं।
जिले में हाथियों की संख्या और उनके विचरण का क्षेत्र
जिले में विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में 78 हाथियों का एक समूह विभिन्न दलों में विचरण कर रहा है। इनमें से 19 हाथी छाल के लोटान में, 15 बोजिया में, 13 लैलूंगा रेंज के तिलाईदरहा में, और 13 बोरो रेंज के इंचपारा में देखे गए हैं। इसके अलावा, रायगढ़ रेंज के पड़िगांव में 2, घरघोड़ा के छर्राटांगर और दनौट में 1-1 हाथी भी मौजूद हैं।
हाथियों की इस बढ़ती संख्या और उनके द्वारा फसलों को हो रहे नुकसान से किसानों में चिंता का माहौल बना हुआ है। उन्हें आशंका है कि यदि यह स्थिति जारी रही, तो उनके लिए कृषि करना और भी मुश्किल हो जाएगा। किसानों ने सरकार से आग्रह किया है कि हाथियों के संरक्षण के साथ-साथ उनकी फसलों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मानव और वन्यजीवों के बीच बेहतर संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता है, ताकि दोनों पक्षों को नुकसान न उठाना पड़े। सरकार और वन विभाग को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना चाहिए।
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