रायगढ़ । लखीराम अग्रवाल स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में गायनिक और एनेस्थीसिया के चार विशेषज्ञ डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जाता है कि गायनिक वार्ड की एक और विशेषज्ञ डॉक्टर भी इस्तीफा देने की तैयारी में है। ऐसे में पहले से विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जुझ रहा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के सामने फिर से डॉक्टरों का संकट आ खड़ा हुआ जिस तरह से डॉक्टर्स इस्तीफा दे रहे हैं, उससे कॉलेज और हॉस्पिटल में पढ़ाई से लेकर ऑपरेशन और ओपीडी की सुविधाएं बिगड़ेगी । दरअसल राज्य सरकार ने आदेश दिया हैं कि जो डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत है, वह किसी नर्सिंग होम या प्राईवेट अस्पताल में जाकर प्रैक्टिस नहीं कर सकते है। यदि उन्हें प्रैक्टिस करना है तो अपने घरों में प्रैक्टिस करें, इसी तरह बताया जाता हैं कि प्राईवेट अस्पतालों से भी सूची मांगी जा रही हैं कि उनके संस्थान में सरकारी डॉक्टर कौन कौन सेवाएं देते हैं। इसकी जानकारी देने के लिए कहा गया है। ऐसे में डॉक्टरों का कहना हैं कि वह सरकारी काम के बाद बचे हुए समय में प्रैक्टिस करते हैं, उन्हें प्रैक्टिस पहले जैसे की जाने की अनुमति दी जाए, वैसे भी वे प्राईवेट हॉस्पिटलों या कॉलेजों की तुलना में कम सैलरी पैकेज दिया जा रहा है, ऐसे में उन्हे प्राईवेट प्रैक्टिस से भी रोकना गलत है।
इन डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों में गायनिक वार्ड के दो विशेषज्ञ डॉक्टरों में से डॉ. संगीता कलार, डॉ. दिव्या कंवर ने इस्तीफा दिया है। बताया जाता हैं कि गायनिक विभाग में एक और डॉक्टर द्वारा इस्तीफा दिया जा सकता है, ऐसी चर्चा है। हालांकि अभी तक उन्होंने आवेदन नहीं दिया है। इसी तरह एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ. आशुतोष अग्रवाल के साथ एक और विशेषज्ञ डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया है। इन दोनों ही विभाग बेहद ही महत्वपूर्ण है। यहां गायनिक वार्ड में मरीजों की भीड़ हमेशा रहती है, इसी तरह हर तरह ऑपरेशन में एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की जरुरत पड़ती है। डॉक्टरों के इस्तीफे से दोनों विभागों में खासा असर पड़ेगा, गायनिक वार्ड में दो डॉक्टर और एनेस्थीसिया में भी कुछ चुनिंदा डॉक्टर बच गये हैं। कॉलेज में कई विभाग खाली
मेडिकल कॉलेज में कई विभाग खाली हो गए हैं। इसमें रेडियोलॉजी विभाग में एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है, इसलिए सोनोग्राफी, एक्सरे सहित कई तरह जांच भी प्रभावित हो रही है। रेडियोलॉजी में स्थानीय दो विशेषज्ञ डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज में ज्वाइनिंग देने के लिए डीन से बातचीत की थी, लेकिन उन्होंने भी अब तक ज्वाइनिंग नहीं दी है। बालोद से एक विशेषज्ञ डॉक्टर बांड में रायगढ़ मेडिकल कॉलेज को मिलने की बात कही जा रही है, मेडिकल कॉलेज के डीन के अनुसार डॉक्टर बालोद से रिलीव हो गए हैं, छठ पूजा के बाद वह ज्वाइन करने की बात कही है। मेडिकल कॉलेज रेडियोलॉजी छोड़ श्वास रोग विभाग जैसे विभागों में एक भी डॉक्टर नहीं रह गए है ।
इस्तीफे की वजह अलग-अलग है
शासन ने जो नया निर्देश दिया है उसकी वजह से विशेषज्ञ डॉक्टरों ने इस्तीफे नहीं दिए हैं, उनके इस्तीफे देने की वजह अलग अलग है। किसी डॉक्टर की संविदा अवधि खत्म हो गई थी, वह बढ़ाना नहीं चाह रहे हैं। किसी का विवाह होना है तो किसी ने व्यक्तिगत वजहों से इस्तीफा दिया है । हम लगातार उम्मीदवारों से बातचीत कर उन्हें ज्वाइनिंग के लिए मेडिकल कॉलेज बुला रहे है। लगातार इसमें प्रयास जारी है, आने वाले समय में कुछ डॉक्टर्स और मिल सकते है।
डॉ विनित जैन,
डीन, मेडिकल कॉलेज