ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के ग्वालियर (Gwalior highcourt) खंडपीठ में आज नर्सिंग परीक्षाओं (Nursing examination) से जुड़े मामले की अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक बरकरार रखने के अंतरिम आदेश जारी किए है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता दिलीप शर्मा ने एप्लीकेशन दायर कर मेडिकल यूनिवर्सिटी (Medical university) पर गंभीर आरोप लगाए। आरोप में बताया गया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी बैक डेट में कॉलेजों (Colleges) को मान्यता देने का फर्जीवाड़ा कर रही है। याचिकाकर्ता की दलील पर हाईकोर्ट ने मेडिकल यूनिवर्सिटी से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पूर्व में आदेशित नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता, नियमों के पालन की जांच जल्द पूरा करने के भी निर्देश जारी किए है। CBI को कोर्ट ने टाइम बाउंड करते हुए 3 महीने में CBI को जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
बता दें कि कोर्ट ने सुनवाई के बाद MP में नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक बरकरार रखने के निर्देश दिए है। वहीं पिछली सुनवाई में सीबीआई भी अपनी फर्स्ट फेज रिपोर्ट पेश कर चुकी है। जिसमें कई चौकाने वाले खुलासा हुए थे। अभी तक कि सुनवाई में CBI 364 नर्सिंग कॉलेजों में से 22 सरकारी कॉलेजों की रिपोर्ट कोर्ट पेश कर चुकी है, जिसे देख कोर्ट भी हैरान रह चुका है। CBI जांच में पाया गया है कि 22 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की स्थिति कुछ इस तरह है।
-22 गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेजो में 50% कॉलेजो में पाई गई कमियां
-10 साल और उससे ज्यादा पुराने सरकारी नर्सिंग कॉलेज 67% अनुपयुक्त पाए गए
-5 साल और उससे ज्यादा पुराने सरकारी नर्सिंग कॉलेज 33% अनुपयुक्त निकले
-पिछले 5 साल और उससे कम वाले सरकारी कॉलेजों में 56% अनुपयुक्त मिले
गौरतलब है कि बीती 27 फरवरी को हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाई थी। Bsc नर्सिंग, Bsc पोस्ट बेसिक, Msc नर्सिंग की परीक्षा पर रोक लगाई थी। जानकारी दिलीप शर्मा- याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दी।