ग्राम औराभांठा एनएसएस शिविर में प्रबुद्ध जनों का हुआ प्रवास , छेरछेरा तिहार के दिन गांव पहुंचे कॉलेज के प्रोफेसर और प्राचार्य
रायगढ़ टॉप न्यूज 6 जनवरी। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तारापुर के सात दिवसीय विशेष शिविर ग्राम और अब उठा के शिविर स्थल में पांचवें दिन रायगढ़ के अग्रणी महाविद्यालय प्राचार्य ए.के. तिवारी, किशोरी मोहन त्रिपाठी महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. श्रीमती सुषमा तिवारी, राष्ट्रीय सेवा योजना के विश्वविद्यालय कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुशील कुमार एक्का सहायक प्राध्यापक आर.के. लहरे, शिक्षक आलोक जॉन कुजुर एवं पी.डी. कॉमर्स कॉलेज के ग्रंथपाल के.आर. सोनी कृषि विभाग से रिटायर्ड अधिकारी, छविलाल नायक शिविर स्थल में पहुंचकर बौद्धिक परिचर्चा में शामिल हुए विभिन्न विषयों पर अपना वक्तव्य सुनाया।
राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर का पंचम दिवस ग्रामीण अंचल और छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा त्यौहार के कारण कुछ अलग माहौल में रहा विद्यार्थियों को ग्रामीणों ने सद्भावना के साथ पुरी आईसा, ठेठरी, करी लड्डू, काटे रोटी का स्वाद चखाया और अपने तरफ से उन्हें स्वादिष्ट पकवान भी खिलाया। शिविरार्थियों ने छेरछेरा में नशा छोड़ने का संकल्प मांगा जिसे ग्राम वासियों ने स्वीकार भी किया।
विशेष शिविर के पंचम दिवस छात्र-छात्राओं ने सुबह प्रभात फेरी निकाली तत्पश्चात योग एवं व्यायाम किया। परियोजना कार्य के तहत छेरछेरा पर्व होने की वजह से आज अपने शिविर स्थल एवं आसपास की ही सफाई कर स्वच्छता के लिए श्रमदान किया। रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रकार के नेतृत्व गीत एवं लघु नाटकों के माध्यम से नशा उन्मूलन कुरीति उन्मूलन आदि का संदेश दिया। एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी भोजराम पटेल के दिशा निर्देश में 50 स्वयंसेवकों का दल शिविर के उद्देश्यों के अनुरूप काम करते हुए ग्रामवासियों के विशेष सहयोग से कुशलतापूर्वक संचालित हो रहा है।
विवेकानंद का व्यक्तित्व युवाओं के लिए आदर्श – डॉ.तिवारी
तारापुर स्कूल के सात दिवसीय विशेष शिविर में पहुंचेअग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अंजनी कुमार तिवारी ने बौद्धिक कार्यक्रम मेंयुवाओं को प्रेरित करते हुए विवेकानंद को आदर्श मानकर अपने जीवन में उनके शिक्षा को उतारने का आह्वान किया उन्होंने कहा कि बिना विवेक का मनुष्य जीवन अधूरा है विवेकवान मनुष्य ही जीवन का वास्तविक आनंद प्राप्त करता है। विवेक का जो आनंद है वही तो विवेकानंद है गांव शहर हो या महानगर जहां भी आप देखिए युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद हैं क्योंकि उनका व्यक्तित्व और कृतित्व युवाओं के लिए न केवल प्रेरणादायक है बल्कि अद्भुत और अनुकरणीय है। अपने जीवन के अल्पकाल में ही स्वामी विवेकानंद ने वह कर दिखाया जो आने वाले सैकड़ों वर्षों तक लोगों को पथ प्रदर्शन करती रहेगी।