इस 1 गलती की वजह से ही नुकसान करती है गेहूं की रोटी! न्यूट्रीशनिस्ट श्वेता ने बताया सही तरीका

आजकल आपने एक ट्रेंड नोटिस किया होगा कि हर कोई गेहूं की रोटी को विलेन बताने पर तुला हुआ है। कुछ फिटनेस इन्फ्लूएंसर्स की मानें तो गेहूं की रोटी जहर से तो बिल्कुल कम नहीं है। जितनी भी बीमारियां हैं, उनकी वजह भी गेहूं के आटे से बनी रोटी खाना ही है।
लेकिन क्या वाकई गेहूं की रोटी ही असली प्रॉब्लम है या बात कुछ और है? सेलिब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट श्वेता शाह बताती हैं कि समस्या दरअसल गेहूं में नहीं है, बल्कि हमारी कुछ आदतों में है। हम जिस तरह से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, उस वजह से ग्लूटेन की मात्रा बढ़ जाती है, जो हेल्थ इश्यूज का कारण बन सकता है। ऐसे में अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो आप गेहूं की रोटियां एंजॉय कर सकते हैं, बिना किसी साइड इफेक्ट्स के। आइए जानते हैं, सही तरीका क्या है।
सबसे बड़ी गलती क्या कर रहे हैं लोग?
न्यूट्रीशनिस्ट श्वेता कहती हैं कि गेहूं की रोटी बनाते हुए ज्यादातर लोग जो गलती करते हैं, वो है बहुत देर पहले आटा लगाकर रख देना। कई लोग तो एक बार सुबह आटा गूंथकर रख देते हैं और उसका इस्तेमाल शाम तक करते हैं। आटा भले ही खराब ना हो, लेकिन अगर आप इसे घंटों तक फ्रिज में स्टोर कर के इस्तेमाल करते हैं, तो आटे में ग्लूटेन की मात्रा ज्यादा हो जाती है। इस वजह से रोटी को पचाना मुश्किल होता है और कई हेल्थ इश्यूज भी हो सकते हैं।
हमेशा फ्रेश आटा गूंथकर रोटियां बनाएं
श्वेता कहती हैं कि असली समस्या तब होती है, जब आटा और पानी मिलकर काफी देर तक रहते हैं। यानी आप आटा गूंथकर काफी समय के लिए स्टोर कर लेते हैं। इससे ग्लूटेन ज्यादा रिलीज होता है और रोटियां काफी चिपचिपी सी बनती हैं। इसलिए हमेशा फ्रेश आटा गूंथकर ही रोटियां बनाएं। कोशिश करें कि आटा गूंथने के 10-15 मिनट के अंदर ही इसे इस्तेमाल कर लें।
ये बातें भी ध्यान रखें
* ज्यादा पुराना आटा इस्तेमाल करने से बचें। हमेशा आटा फ्रेश होना चाहिए, जो 15-30 से ज्यादा पुराना ना हो।
* पुरानी वैरायटी का गेहूं इस्तेमाल करें। ये पचाने में ज्यादा आसान होता है।
* आटा लगाने से पहले उसमें थोड़ा सा कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) भी मिलाएं और फिर पानी डालकर गूंथ लें।
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