Raigarh News: शिक्षक ने युवा नेता पर लगाया ₹4.25 लाख की चेक धोखाधड़ी का आरोप, शिकायत दर्ज

रायगढ़: नगर के प्रतिष्ठित शिक्षक अली अहमद ने सिन्हा ऑटो डील के संचालक और स्थानीय युवा नेता अपरांश सिन्हा पर ₹4.25 लाख की चेक धोखाधड़ी का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इस संबंध में अली अहमद ने थाना लैलूंगा में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिससे पूरे नगर में हड़कंप मच गया है।
क्या है पूरा मामला?
प्रार्थी अली अहमद, जो वार्ड क्रमांक 12, अटल चौक, कोतबा बाईपास रोड, लैलूंगा के निवासी हैं, ने बताया कि 21 नवंबर 2024 को अपरांश सिन्हा ने उन्हें एचडीएफसी बैंक, शाखा लैलूंगा के खाता क्रमांक 50200095870784 से दो पोस्ट डेटेड चेक दिए थे।
पहला चेक क्रमांक 000007: दिनांक 20 दिसंबर 2024, राशि ₹2,00,000
दूसरा चेक क्रमांक 000008: दिनांक 10 जनवरी 2025, राशि ₹2,25,000
आरोप है कि अपरांश सिन्हा ने अली अहमद को भरोसा दिलाया था कि तय तारीखों पर चेक जमा करने पर राशि मिल जाएगी।







विश्वासघात और बाउंस हुए चेक
अली अहमद ने बताया कि जब उन्होंने 20 दिसंबर 2024 को पहला चेक अपने एसबीआई खाते में जमा किया, तो 23 दिसंबर को बैंक से उन्हें सूचना मिली कि अपर्याप्त राशि के कारण चेक अनादृत (बाउंस) हो गया है। दूसरे प्रयास में भी, 26 दिसंबर को वही चेक पुनः बाउंस हो गया। इसके बाद, दूसरा चेक 14 जनवरी 2025 को जमा किया गया, जो 15 जनवरी को फिर से अपर्याप्त राशि के कारण अस्वीकृत हो गया। अली अहमद ने अपनी शिकायत के साथ तीनों बार बैंक से प्राप्त मेल और अस्वीकृति के दस्तावेज संलग्न किए हैं। उनका आरोप है कि आरोपी ने जानबूझकर अपने बैंक खाते में राशि नहीं रखी, जो स्पष्ट रूप से पूर्वनियोजित धोखाधड़ी का मामला है।
कानूनी कार्यवाही की मांग और जनता का आक्रोश
अली अहमद ने अपने आवेदन में भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के “ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश शासन (2013)” के निर्णय का हवाला देते हुए ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य बताया है। उन्होंने आरोपी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (B.N.S.S.) की धारा 318 (जो पूर्व में आईपीसी की धारा 420 थी) के तहत तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
इस घटना ने नगरवासियों को भी झकझोर दिया है। सामाजिक संगठनों और व्यापारियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि ऐसे लोगों पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो व्यापारिक लेन-देन और सामाजिक विश्वास दोनों खतरे में पड़ जाएंगे। स्थानीय नागरिकों ने भी एक स्वर में कहा है कि वे इस तरह की योजनाबद्ध ठगी को नजरअंदाज नहीं करेंगे और यह केवल एक शिक्षक का मामला नहीं, बल्कि पूरे समाज की आर्थिक सुरक्षा का सवाल है।
पुलिस जांच शुरू: क्या मिलेगा न्याय?
सूत्रों के अनुसार, थाना लैलूंगा पुलिस ने दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। यदि जांच में प्रस्तुत तथ्यों की पुष्टि होती है, तो धोखाधड़ी व अमानत में खयानत जैसी धाराओं में अपरांश सिन्हा के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जा सकता है।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता और ईमानदारी से कार्रवाई करता है और क्या अली अहमद को समय रहते न्याय मिल पाता है।