रायगढ़ की सुनीता अग्रवाल हुईं ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित, संघर्ष और सफलता की कहानी, पढ़िए पूरी स्टोरी….

रायगढ़। यह सच है कि किताबी ज्ञान और जिंदगी की इम्तिहान में जमीं और आसमां का फर्क है। कभी-कभी इंसान के साथ जिंदगी वो इम्तिहान लेती है जो अध्ययन से नहीं अनुभव से हर सच्चाई समझ में आती है साथ ही जीवन के पथ में कामयाबी हासिल करने के लिए एक उम्र गुजर भी जाती है या फिर संघर्ष की तपिश में तपने के बाद अवसर आते ही सफलता के दर में व्यक्ति को कदम रखने का सौभाग्य मिलता है। कुछ यूँ ही जिंदगी की इसी इम्तिहान की तपिश में कदम दर कदम बढ़ाते हुए शहर की श्रीमती सुनीता अग्रवाल ने भी कदम बढ़ाया और उनके अथक संघर्ष और आगे बढ़ने का सुखद प्रतिफल ग्लोब एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित होकर उन्हें मिला। वहीं उनका कहना है कि मेरी ख्वाहिशों का गुल अब खिलकर हुआ है सुवासित ।
संघर्षों ने जीना सिखाया
संप्रति जिवास सेलून की संचालिका श्रीमती सुनीता अग्रवाल शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति स्व वासुदेव अग्रवाल और उनकी अर्धागिंनी स्व गीता देवी की सुपुत्री हैं। मृदुभाषी सुनीता का कहना है कि किसी भी रास्ते के दो किनारे होते हैं मगर यह सच है कि वो कभी नहीं मिलते अपितु इनमें सामंजस्य बनाने से ही मंजिल तक पहुंचा जा सकता है। इसलिए जिंदगी और वक्त के साथ सामंजस्य नितांत जरुरी है।
उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने की चाह से मैनें विगत 1996 से बिजनेस प्लास्टिक पेंटिंग से शुरुआत की जो विगत 2013 तक चला। फिर मैंने अपने एनजीओ के माध्यम से गर्वनमेंट स्कूलों में यूनीफॉर्म का सप्लाई की जिसमें मिनी माता अवार्ड में रनर अप का स्थान मिला साथ ही तात्कालिक मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कर कमलों से दैनिक भास्कर प्राइड अवार्ड 2014 मिला। वह मेरी पहली सफलता थी इसके पश्चात हौसले के साथ आगे बढ़ी। वहीं वक्त के साथ जीवन के तमाम विपरीत परिस्थितियों से सामना भी हुआ और अंततः विगत 2015 में मेरे ऑटो मेटिक प्लांट को विराम कर मशीन को सेल आउट करना पड़ा परंतु जीवन के तमाम संघर्ष व तजुर्बे ने मेरा संबल बढ़ाया।
2016 में निजी कार्य की शुरुआत















उन्होंने कहा कि वक्त के साथ सामंजस्य रखते हुए मैंने विगत 2016 में अपने निजी बिजनेस को प्राथमिकता देते हुए जिवास सेलून से शुरुआत की। सबसे बड़ी समस्या यह थी कि इस व्यवसाय के बारे में मुझे कोई भी विस्तृत जानकारी नहीं थी फिर भी मैंने अपनी मेहनत जारी रखी और आगे बढ़ते गई।
इस क्षेत्र में भी कठिनाईयां आईं जिसे नजर अंदाज करते हुए अपनी कार्यशैली और ध्येय को विशेष प्राथमिकता दी। मेरी मेहनत रंग लाई और विगत 2023 में इंडिया एक्सीलेंस अवार्ड फिल्म अभिनेत्री अमृता राव के हाथों बैंगलोर के गरिमामय आयोजन में मिला। उस पल की खुशी तमाम उम्र के लिए मेरे जेहन में अंकित हो गई है। जिसे भूल पाना नामुमकिन है।
नारी शक्ति अवार्ड से हुईं सम्मानित
अपने संघर्ष की दास्ताँ को बयां करते हुए उन्होंने कहा बैंगलोर में सम्मानित होने के पश्चात मेरा कॉन्फिडेंस और भी बढ़ा फिर पीछे मुड़कर न देखी और अपने कार्य पर बेस्ड फोकस की जिसका सुखद प्रतिफल मुझे विगत 2024 रायपुर में मिला जब आईबीसी न्यूज चैनल की तरफ से आयोजित गरिमामय समारोह में बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के हाथों से नारी शक्ति अवार्ड से सम्मानित हुई। उस अवार्ड से यह भान हुआ कि यदि लक्ष्य और दिशा सुनिश्चित हो तो कामयाबी एक दिन सुनिश्चित मिलती है।
संप्रति मिला ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड
उनका कहना है अपने निजी बिजनेस में पूरे मनोयोग से समर्पित रहने में मुझे अत्यधिक खुशी मिलती है। मेरे जीवन का मूल प्रयोजन ही है कि कुछ नया करना और आगे बढ़ना है। संप्रति ईश्वर की कृपा से मुझे व तमाम अपनों की दुआ से श्री श्याम बाबा की नगरी खाटू धाम में छत्तीसगढ़ सांसद बृजमोहन अग्रवाल के करकमलों से अग्र विभूति सम्मान से सम्मानित होने का सौभाग्य मिला जो मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ अवार्ड है। इसी तरह विगत 17 अगस्त को मृदुभाषी जिवास सेलून की संचालिका मिसेज सुनीता अग्रवाल को मुंबई के शैला गोपाल रेहजा ऑडिटोरियम में बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री काजोल देवगन के हाथों से गरिमामय भव्य समारोह में ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित होने का सौभाग्य मिला। जिससे अग्र समाज और शहर भी गौरवान्वित हुआ है।
जीवी प्रिंटर्स को देना है नवआयाम
ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित बिजनेस वूमेन श्रीमती सुनीता अग्रवाल का कहना है कि अब मेरी ख्वाहिश अपने जीवी प्रिंटर्स को नवआयाम देने की है। क्योंकि इसी से मेरे बिजनेस शुरुआत हुई साथ ही पहचान भी बनीं। इसे वृहद रुप से प्रतिष्ठापित कर कुछ और नया करना है। जिसके लिए प्रयास जारी है। वहीं उन्होंने समाज की युवतियों व महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि अपनी प्रतिभा को पहचाने और अपनी लगन व मेहनत से अपनी अलग पहचान बनाने में कोई कमी न करें जीवन में देर से ही सही कामयाबी एक दिन अवश्य मिलती है।