यौन उत्पीड़न : आईपीएस रतनलाल डांगी ने युवती के खिलाफ ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई, पुलिस कमिश्नर की दौड़ से बाहर रखने के लिए षडयंत्र की आशंका









रायपुर। 2003 बैच के सीनियर भापुसे अधिकारी रतन लाल डांगी ने अपने पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सफाई देते हुए युवती पर ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक विभागीय शिकायत भी की है। डांगी के मुताबिक चूंकि उनका नाम नए पुलिस कमिश्नर की दौड़ में है इसलिए उन्हें रोकने के लिए यह एक षडयंत्र भी हो सकता है।
डांगी के मुताबिक युवती पहले से ही शादीशुदा है और उसका पति पुलिस विभाग में ही सब इंस्पेक्टर है जबकि युवती उन्हें योग का प्रशिक्षण देने आया करती थी. इसी दौरान उससे परिचय हुआ. वह अपने पति के मार्फत उन्हें प्रताड़ित और ब्लैकमेलिंग करती आ रही थी। उन्होंने खुद ही डीजीपी से मामले की जाँच कराने का आग्रह किया था।
बता दें कि, एक एसआई की पत्नी ने वरीय भापुसे अधिकारी रतन लाल डांगी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर समूचे पुलिस महकमें में सनसनी फैला दी है। हालांकि रतन लाल डांगी ने इस मामले में डीजीपी को खत लिखकर पूरे मामले पर सफाई पेश की है। उन्होंने पत्र में विस्तार और बिंदुवार तरीके से बताया है कि आरोप लगाने वाली महिला ने उन्हें कब और किस तरह से ब्लैकमेल किया है।
आइपीएस रतन लाल डांगी ने डीजीपी को सौंपे शिकायत में विस्तार से बताया हैं कि, उन्हें किस तरह महिला के द्वारा ब्लैकमेल किया जाता था।
पढ़ें आईपीएस डांगी की पूरी शिकायत
एक दिन वो मेरे कार्यालय में जहर की शीशी हाथ में लेकर पहुंची एवं मुझसे मेरे तीनों बेटों और माँ की कसम खिलवाई कि मैं अपनी पत्नी से कोई संबंध नहीं रखूँगा। उसकी शर्तें थीं:
मैं अपनी पत्नी के साथ न बैठूंगा, न बात करूंगा।
उसे अपनी गाड़ी में कहीं नहीं ले जाऊँगा, न कोई खरीदारी कराऊँगा।
उसे व्हाट्सएप्प पर ब्लॉक करूँगा, न कॉल करूँगा, न रिसीव करूँगा।
उसके साथ कोई तस्वीर नहीं खिंचवाऊँगा और न ही जन्मदिन या सालगिरह मनाऊँगा।
अपनी पत्नी के मायके नहीं जाएंगे।
मैं अपनी पत्नी के कमरे में न सोकर, रात 10 बजे के बाद घर की बालकनी में सोऊँगा और वहाँ से 8 घंटे की लाइव लोकेशन भेजूँगा तथा लाइट जलाकर वीडियो कॉल पर दिखाऊँगा कि वहाँ कोई और नहीं है।
सुबह 5 बजे से उसका वीडियो कॉल चालू रहेगा, जिसे केवल वही काट सकेगी। परिवार के किसी भी सदस्य, यहाँ तक कि अपने बेटों से भी बिना उसकी अनुमति के बात नहीं करूँगा।
घर एवं कार्यालय के वॉश रूम जाते समय, स्नान करते समय, वर्क आउट करते समय भी विडिओ कॉल मोबाईल पर चालू रहना चाहिए जिससे यूरिन करते हुए, नहाते हुए दिखे, नहाकर तैयार होने के लिए 20 मिनट और खाना खाने के लिए 12-15 मिनट ही मिलेंगे।
आरोपी महिला ने जो दबाव डाला उसी का फायदा उठाकर मेरे वॉश रूम में यूरिन करते समय के एवं बाथरूम निजी पलों के स्क्रीन शॉट लेकर मुझे दिखाकर की यदि मैं उसके कहे अनुसार न चलूँगा तो ये फोटोग्राफ वायरल कर दूँगी, डीजीपी साहब को शिकायत कर दूँगी। इसके बाद उसने उन तस्वीरों और आपसी बातचीत के छेड़छाड़ किए हुए चैट के स्क्रीनशॉट्स का उपयोग कर मुझे ब्लैकमेल करना और धमकाना प्रारंभ कर दिया।
जब मैंने उसकी इन हरकतों का विरोध किया और उसके पति को सब कुछ बता देने की चेतावनी दी, तो उसने मुझ पर दबाव बनाने के लिए अपने हाथ को ब्लेड से काटकर उसकी तस्वीरें मुझे भेजीं। वह वीडियो कॉल पर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या करने का नाटक करती थी, ताकि मैं डरकर उससे कोई भी संबंध तोड़ने की हिम्मत न कर सकूँ।
वह मुझ पर अपने बच्चों और माँ की झूठी कसम खाने का दबाव बनाती थी, ताकि उसे मेरे ऊपर नियंत्रण बनाये रखने का यकीन हो सके।
वो यह भी धमकी दिया था की मेरे कहने से आपने जिन-जिन लोगों की मदद किया था, उनसे मैंने रुपये वसूली किया था, जिससे मैंने अपना नया घर खरीदा, दो गाड़ियां लिया था, भविष्य में अपनी बच्ची की शादी के लिए गहने बनवाए, उन सबका झूठा रिकार्ड आपके नाम बनाकर फंसा दूँगी। जब मैंने बोला कि मुझे तो कभी बताए ही नहीं की तुमने वसूली जैसा काम भी किया था तो बोली यदि ऐसा न करती तो जिंदगी भर किराये के मकान में रहना पड़ता, मेरा घर कैसे बनता, गाड़ी, जेवर कैसे बनते, बच्चों की सालाना लाखों की स्कूल फीस, कोचिंग फीस एक सब इन्स्पेक्टर कहाँ से पटाता। आप मूर्ख बने यह तो आपकी गलती थी।
वह जब भी मेरे कार्यालय चंदखुरी आती थी तो अपने साथ जहर की एक शीशी लेकर आती और उसे टेबल पर रखकर धमकी देती कि यदि मैंने उसकी कोई भी बात नहीं मानी, तो वह यहाँ ही जहर पीकर मुझे झूठे मामले में फँसा देगी और जेल भिजवा देगी।
उसकी इन धमकियों एवं भय और आतंक के कारण मैं उसकी सभी अनुचित माँगें पूरी करने लगा। उसने मुझ पर दबाव डालकर मेरी पत्नी के साथ मेरा घूमना, योग करना और साथ में बाजार जाना पूरी तरह से बंद करवा दिया।
जब मेरी माँ एम्स में कैंसर का इलाज करवाने भर्ती थी तब भी दबाब डालती थी की मैं अपनी पत्नी को साथ में अपनी गाड़ी में नहीं ले जाऊँ। यदि ले गए तो अंजाम भुगतने तैयार रहे।
यहाँ तक की सितंबर माह में मेरी बहन की आकस्मिक मृत्यु होने पर भी उसने धमकाया की यदि मैं अपनी पत्नी को राजस्थान से अपने साथ में लाया तो वो आत्महत्या करके मुझे जेल भिजवा देगी।
साथ ही यह सब न मानने पर उसने वॉशरूम / बाथरूम की ली गई तस्वीरें, मेरे बेटों को, मेरी समधी मंत्री को तथा मेरी बहू को भेजकर मेरे बड़े बेटे का तलाक करवाने की धमकी भी दिया करती थी।
इन धमकियों के कारण मैं इस वर्ष पुलिस मेस में आयोजित होली मिलन समारोह में आपके द्वारा आयोजित डिनर पार्टी में अपनी पत्नी को साथ भी नहीं ला पाया था। इन सब कारण से मैं विगत दो वर्षों से अपने ही घर में अपनी पत्नी और बच्चों से अजनबियों जैसा व्यवहार करने पर मजबूर था, जिससे मैं और मेरा पूरा परिवार गंभीर मानसिक अवसाद से गुजर रहे थे।
करवा चौथ के दिन उसने वीडियो कॉल पर जहर की शीशी दिखाकर मुझे धमकी दी कि यदि मैं छत पर अपनी पत्नी के साथ पूजा में शामिल हुआ तो वह आत्महत्या कर लेगी। उसके डर से मैं नहीं गया, जिस कारण मेरी पत्नी को गहरा आघात लगा।
अगले दिन जब मैंने उसकी अनुचित माँगें मानने से इनकार किया और अपना फोन फ्लाइट मोड पर डाल दिया, तो उसने मेरे बेटे को फोन कर धमकाया और मेरे चरित्र पर अनर्गल आरोप लगाए। उसी दौरान जब मैंने उसके पति से संपर्क करने का प्रयास किया, तो उसके फोन पर भी उसकी पत्नी की ही आवाज आ रही थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि इस षड्यंत्र में उसका पति भी बराबर का भागीदार है।
इस तनाव के कारण मेरी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई और हमें अस्पताल जाना पड़ा। इसी बीच आरोपी महिला मेरे घर पहुँची और कर्मचारियों के मना करने के ब बावजूद जबरन घर में र में घुस गई। उसने मेरे स्टाफ को कुछ अश्लील तस्वीरें दिखाकर मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास किया और जोर-जोर से चिल्लाकर हंगामा किया। बाद में पता चला कि उसने मेरे कई जान-पहचान वालों को भी फोन कर मेरे बारे में अपमानजनक बातें कहीं।
अतः श्रीमान जी से विनम्र निवेदन है कि इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, आरोपी महिला तथा इस षड्यंत्र में शामिल अन्य सभी अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध भयदोहन (ब्लैकमेलिंग), मानसिक प्रताड़ना, आपराधिक धमकी, जबरन घर में घुसना एवं मानहानि जैसी उचित धाराओं के अंतर्गत FIR दर्ज कर तत्काल कठोर कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें, ताकि मुझे और मेरे परिवार को इस मानसिक यंत्रणा से मुक्ति मिल सके और हमें न्याय प्राप्त हो।
इस संबंध में मेरे पास साक्ष्य उपलब्ध न रहे इसलिए चैट के तत्काल डिलीट करके स्क्रीन शॉट न भेजने पर भी धमकी देती थी, इसलिए मेरे 13-10-25 के पहले के डिजिटल साक्ष्य (चैट, तस्वीरें, वीडियो कॉल रिकॉर्डिंग आदि) उपलब्ध नहीं हैं, जिन्हें आरोपी के मोबाईल की फोरेंसिक जांच से प्राप्त किया जा सकता है।
कौन है रतन लाल डांगी?
बता दें कि, पुलिस महकमें में 2003 बैच के भापुसे अधिकारी रतन लाल डांगी बेहद जाना-पहचाना नाम है। वे मूलतः राजस्थान के है। छत्तीसगढ़ में एसडीओपी के तौर पर करियर शुरू करने के बाद वे बीजापुर, कांकेर, कोरबा और बिलासपुर जिले में एसपी रह चुके हैं।
इसके अलावा उप पुलिस महानिरीक्षक कांकेर, दंतेवाड़ा व राजनांदगांव पदस्थ रहें हैं। वे सरगुजा डीआईजी के साथ ही दुर्ग, रायपुर व बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक का भी प्रभार संभाल चुके हैं। फ़िलहाल वे चंद्रखुरी पुलिस एकेडमी में पदस्थ है। आरएल डांगी को दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक व एक बार सराहनीय सेवाओं के लिए भी पदक मिल चुका है। फिलहाल उन्हें रायपुर में लागू होने कमिश्नरेट प्रणाली में पहले पुलिस कमिश्नर की रेस में भी देखा जा रहा है।
मूलतः किसान परिवार से आने वाले रतन लाल डांगी ने 2002 की लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 226 रैंक हासिल की थी और आईपीएस के लिए चयनित हुए थे। अखिल भारतीय सेवा में आने से पहले बाह नायब तहसीलदार और टैक्स इन्स्पेक्टर के तौर पर भी सेवाएं दे चुके है। रतनलाल डांगी आईपीएस होने के साथ एक फिटनेस कोच भी माने जाते है। योग को लेकर वे काफी गंभीर है और सोशल मीडिया पर उनकी बड़ी फैन फॉलोविंग भी हैं।
फिलहाल पुलिस विभाग ने मामले की जांच का जिम्मा 2011 बैच के आईपीएस, पुलिस महानिरीक्षक आनंद छाबड़ा और आईपीएस मिलना कुर्रे को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद विभाग आगे की कार्रवाई करेगा.












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