सारथी समाज के बेटे ने किया कमाल…गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में कराया नाम दर्ज

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रायगढ़। आपको बतादें कि खरसिया ग्राम पंचायत बिंजकोट के उभरते हुए साहित्यकार रमेश सारथी ने भारत के संविधान को छंदबद्ध करने में अपना योगदान दिया, भारत के संविधान को विभिन्न राज्यों से 142 साहित्यकारों ने काव्यात्मक रूप प्रदान किया है, जिसमें ग्राम बिंजकोट के बाबूलाल सारथी के पुत्र रमेश सारथी ‘गौर’ का भी काफी योगदान रहा l संविधान के इस महान ग्रंथ का विमोचन व सम्मान समारोह पद्मश्री डॉ श्याम सिंह शशि की अध्यक्षता में 15 जून 2024 को नई दिल्ली के हिंदी भवन में संपन्न हुआ।

 

इस आयोजन के मुख्य अतिथि मीनाक्षी लेखी (पूर्व विदेश एवं संस्कृति मंत्री भारत सरकार) डॉ. रमा सिंह (वरिष्ठ साहित्यकार) एवं विशिष्ट अतिथि पंकज शर्मा (आजतक एडिटर), शकुंतला कालरा (वरिष्ठ साहित्यकार) डॉ संतोष खन्ना (पूर्व न्यायाधीश) सुरेश सिंह प्रियदर्शी, डॉ चेतन आनंद (कवि एवम पत्रकार) भारत प्रमुख गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड श्री आलोक कुमार मंचासीन रहे, जहां सभी साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। देश विदेश के 142 साहित्यकारों के सुयोग्य लेखनी से तैयार हुई कृति ‘छंदबद्ध भारत का संविधान’ जिसमें कुल 26 छंद, 2110 दोहे, 422 रोले व अन्य 24 छंद गीत का प्रयोग किया गया है जो अपने में अद्वितीय है। जिसके प्रमुख संपादक डॉ ओमकार साहू ‘मृदुल’ तथा सहसंपादक डॉ मधु संखधर ‘स्वतंत्र’ एवम डॉ सपना दत्ता ‘सुहासिनी’ जी हैं।

 

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