रायगढ़ टॉप न्यूज 26 अप्रैल 2023। भारतीय जनता पार्टी ने रायगढ़ विधानसभा से उम्मीदवार बनाये के लिए जो भी मापदंड तय करेगी जैसे कि नैतिकता ,शुचिता ,अनुशासन ,जनता के बीच लोकप्रियता ,राजनैतिक अनुभव ,जातीय समीकरण ,पार्टी के प्रति निष्ठा आदि तो इस पैमाने पर सुभाष पांडेय पूरे सौ प्रतिशत खरा उतरते हैं ।शायद यही वो कारण है जिसके चलते सुभाष पाण्डेय रायगढ़ विधानसभा से भाजपा की टिकट के लिए एक गम्भीर ,सौम्य ,शालीन दावेदार के रूप में सामने आ रहे हैं ।
सुभाष पांडेय पिछले चारदशक से भी अधिक के लंबे समय से राजनीति में हैं और उन्हें रायगढ़ की राजनीति में चाणक्यनीति का विशेषज्ञ भी माना जाता है ।सुभाष पाण्डेय ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी ।सुभाष पांडेय कामर्स कालेज में छात्र संघ के उपाध्यक्ष ,ला कॉलेज में अध्यक्ष रह चुके हैं ।इसके अलावा वे चार बार पार्षद के लिए निर्वाचित हुए तो रायगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष ,कार्यकारी अध्यक्ष का भी दायित्व सम्हाल चुके हैं ।रायगढ़ नगरपालिका को जब नगरनिगम बनाया गया था तो सुभाष पांडेय नगरनिगम के सभापति चुने गए थे ।
जातीय समीकरणों की बात करें तो रायगढ़ विधानसभा में ब्राह्मण वोट भारी संख्या में मौजूद हैं ।निरंजन लाल शर्मा के बाद रायगढ़ से कोई दूसरा ब्राह्मण अबतक विधायक नहीं बना है ,इसकी भी एक कसक रायगढ़ के ब्राह्मण मतदाताओं के बीच परिलक्षित होती हुई दिखाई देती है, यदि आसन्न विधान सभा को देखते हुए यह कयास लगना लाजिमी है कि यह चुनाव छःतीस गरिहा वर्सेस अन्य हो सकता है, इस लिहाज से भी सुभाष पाण्डेय उपयुक्त उम्मीदवार प्रतीत होते हैं। सुभाष पाण्डेय को राजनीति के अजात शत्रु के रूप में भी देखा जा सकता है, दशकों पूर्व
वयक्तिगत झगड़े को भी देखा जाय तो दूसरी पीढ़ी एवम तीसरी पीढ़ी के सुभाष के साथ मधुर संबंध हैं, वहीं रायगढ़ के कई व्यापारिक घरानों के साथ सुभाष की आत्मीयता, घरेलू संबंध रायगढ़ विधान सभा को फतेह कर भाजपा की झोली में डालने के लिए पर्याप्त है।
कभी विद्याचरण जी के सिपहसालार रहे सुभाष पाण्डेय एक परिपक्व राजनीतिक हैं वही राष्ट्रीय स्तर में ख्याति लब्ध पाण्डेय परिवार को प्रतिनिधित्व करते हैं, इनके दादाजी पंडित लोचन प्रसाद पाण्डेय एवम पद्मश्री पंडित मुकुट धर जी पाण्डेय ने साहित्य के क्षेत्र में प्रसिद्धि को कमतर नहीं आंका जा सकता। पाण्डेय परिवार की जमींदारी में मुख्य रूप से पांच गांव हैं, जिनमे की तीन गांव परिसीमन के लिहाज से चंद्रपुर एवम खरसिया विधान सभा में है,वही महानदी किनारे स्थित दो गांव सिंगपुरी और चंघोरी रायगढ़ विधान सभा में ही आते हैं। वही ना काहू से दोस्ती न काहू से बैर की तर्ज पर सुभाष सभी के सर्वमान्य उम्मीदवार हो सकते हैं।
।व्यवहार कुशलता और शालीन ,मर्यादित भाषा के धनी सुभाष पाण्डेय की राजनैतिक कुशलता और प्रबंधन के सभी कायल हैं इसलिए भी सुभाष पांडेय का भाजपा की टिकट का दावा काफी मजबूत बनता हुआ दिखाई देता है ऐसा स्वतंत्र राजनैतिक प्रेक्षकों का मानना है ।
वरिष्ठ कलमकार अनिल पाण्डेय की कलम से अनुज शिवि पाण्डेय के साथ