रायगढ़. बरमकेला और सारंगढ़ के गांवों में तेंदुआ दिखने की खबर से दहशत के बीच गोमर्डा अभयारण्य में तेंदुआ फैमिली बढ़ने का पता चला है। वन विभाग जंगल में फुटप्रिंट देखकर दो नन्हें मेहमानों के आने की बात कह रहा है। संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है। तेंदुए की बढ़ती संख्या के बीच विभाग गांवों में मुनादी कराने के साथ ही शिकार रोकने एंटी स्नेयरिंग गश्त भी करा रहा है।
गोमर्डा अभयारण्य में शिकार की शिकायतें भी अक्सर सामने आती हैं। गोमर्डा के जंगल में तेंदूढाड़, भुरईपानी, चलचला, राजादैहान समेत 28 गांवों में तेंदुओं की मौजूदगी है। वन विभाग के अफसरों के मुताबिक यहां 20 से अधिक तेंदुए हैं। अभयारण्य के जंगल के कक्ष क्रमांक 910, 911, 900, 901, 913 में मुनादी कराई जा रही है।
दुर्लभ प्रजाति के सोनकुत्ते भी पहुंचे
शिकार करने वाले दुर्लभ प्रजाति के सोनकुत्ते भी जंगल में देखे जा रहे हैं। हाल में ही ये सोनकुत्ते ओडिशा के जंगल और बारनवापारा अभयारण्य से गोमर्डा में पहुंचे हैं। इन संख्या 10 से अधिक बताई गई है। रेंजर यादव ने बताया इन कुत्तों में होने वाली एक बीमारी के कारण देश-दुनिया में इनकी संख्या कम हो रही है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर सोनकुत्ता (अंग्रेजी में ढोल) को विलुप्तप्राय प्रजाति मानी जाती है।
तेंदुए के दो शावक दिखे
जुलाई से अक्टूबर तक वन्य प्राणियों के प्रजनन काल में जंगल में नए मेहमान आते हैं। गश्त करने वाले वन कर्मियों के मुताबिक पिछले दो-तीन दिनों में तेंदुए के दो शावक देखे गए हैं। इसकी पुष्टि पदचिन्हों से की गई है। रेंजर राजू सिदार बताते हैं कि संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। 20-22 तेंदुओं में नर और मादा हैं। जंगल में शिकार, पानी और अनुकूल माहौल होने के कारण उनके भटककर बस्ती में जाने की संभावना नहीं है। यहां लगे कैमरों में तेंदुए शिकार करते दिखते हैं।