Raigarh News: गुरु-शिष्य परंपरा में ही बना जा सकता है बेहतर कलाकार:पं. रामलाल

0
51

रायगढ़ टॉप न्यूज 31 जनवरी। कला अकादमी छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद संस्कृति विभाग द्वारा यहां युवा कलाकारों पर आयोजित दो दिवसीय केंद्रित ‘प्रारंभ’ कार्यक्रम के तहत दूसरे दिन 31 जनवरी मंगलवार सुबह के सत्र में ‘कला चर्या’ का आयोजन नगर निगम सभागार पंजरी प्लांट में किया गया।
इस दौरान रायगढ़ घराने के वरिष्ठ दरबारी नर्तक पंडित रामलाल के साथ रायगढ़ घराने के विकास एवं उसके संवर्धन पर रायगढ़ घराने की नृत्यांगना वासंती वैष्णव ,कला गुरु सुनील वैष्णव, रायगढ़ घराने के प्रतिनिधि कलागुरु भूपेंद्र बरेठ एवं कला अकादमी के अध्यक्ष योगेन्द्र त्रिपाठी ने चर्चा की।

इस दौरान चर्चा में शामिल जिज्ञासुओं ने पंडित रामलाल से रायगढ़ दरबार में राजा चक्रधर सिंह की शिक्षा पद्धति, दरबार में पहुंचे कला गुरु, इन गुरुओं से मिली शिक्षा प्राप्त पर कई सवाल पूछे, वहीं रायगढ़ कथक घराना को जयपुर, लखनऊ व बनारस आदि घरानों से अलग मानने के पीछे की वजह भी जिज्ञासुओं ने पूछी। इस दौरान पं. रामलाल ने बताया कि रायगढ़ घराने की बंदिशें और यहां की रचनाएँ अत्यंत दुर्लभ है जोकि अन्य घरानों में देखने को या सुनने को नहीं मिलती।























सवालों के बीच पंडित रामलाल ने महाराजा चक्रधर द्वारा रचित बंदिश ‘घिर घिर आई बदरिया’ व अन्य पर अभिनय कला का प्रदर्शन किया। कुछ बंदिशों को उन्होंने पढ़कर सुनाया। इस दौरान सुनील वैष्णव ने जानना चाहा कि एक अच्छा कलाकार कैसे बना जा सकता है, क्या विद्यालयीन शिक्षा इसमें कारगर है या फिर गुरु शिष्य परंपरा? इस पर पंडित रामलाल ने कहा कि विद्यालयीन शिक्षा केवल सैद्धांतिक ज्ञान के लिए हो सकती है लेकिन एक अच्छा कलाकार एवं नर्तक केवल गुरु-शिष्य परंपरा में ही प्रशिक्षित हो सकता है।

भूपेंद्र बरेठ ने पूछा कि रायगढ़ में चक्रधर केंद्र की शिक्षा पद्धति कैसी हो और वहां किस तरह से प्रशिक्षण दिया जाए, क्योंकि भोपाल में चक्रधर केंद्र की स्थापना हुई थी। वहां से जो नर्तक कलाकार निकले वे आज पूरे भारतवर्ष में रायगढ़ कथक घराने का नाम कर रहे हैं।
‘कलाचर्या’ के अंतर्गत जिज्ञासुओं ने पं. रामलाल से कथक के संबंध में और भी प्रश्न पूछे। कला अकादमी अध्यक्ष योगेंद्र त्रिपाठी के आभार के साथ इस सत्र का समापन हुआ।



































LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here