रायगढ़। रंग अजय रायगढ़ नाट्य समारोह के चैथे दिवस पर शनिवार को इप्टा भिलाई की प्रस्तुति ष्कौन चीज के डायरेक्टर होष् का मंचन हुआ। इस नाटक ने लोगो को हँसने पर मजबूर कर दिया। नाटक में महाभारत काल के भीम को आज आम आदमी का प्रतिनिधि बनाया गया, जो दुर्लभ है। वही नाटक में दुर्योधन अराजकता, लूट-मार, भ्र्ष्टाचार का प्रतीक है जो बलवान है। महाभारत में तो भीम उसे पटकने में सफल होता है, लेकिन आज के भारत में दुर्योधन ही भीम पर हावी है। नाटक में यह बताया गया की गलतियों का सामूहिक प्रतिकार करना चाहिए, ताकि गलती करने वालो को इसका एहसास हो सके। लेकिन देश में सामूहिक प्रतिकार की परंपरा समाप्त हो गयी है। कलाकारों ने नाटक के अंदर चल रहे दुर्योधन वध की नौटंकी में रजनेताओ पर भी जमकर प्रहार किया।
चैपाल में कविताओं और कहानियों को मिला मंच
रंग अजय रायगढ़ नाट्य समारोह में इस साल युवाओ को मंच देने की कोशिश में कविता कहानियो की चैपाल का आयोजन किया गया। इस आयोजन में वरिष्ठ रचनाकारों के साथ युवा रचनाकारों ने भी अपनी रचनाओ का वाचन किया। चैपाल वरिष्ठ कवियों के साथ साथ 6 साल तक के रचनाकार भी शामिल हुए। युवा रचनाकारों की ऊर्जा देखते ही बन रही थी। कई रचनाकारों ने पहली बार मंच पर कविता पाठ किया। इससे उनमे मंच पर आने और पढ़ने के लिए हिम्मत भी मिली। चैपाल में 20 कवियों और लेखकों ने भाग लिया।





