अब इस प्लेन से ट्रेनिंग लेंगे इंडियन एयरफोर्स के जांबाज, तमाम खासियतों से लैस है ये विमान

बेंगलुरु: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी कि HAL द्वारा बनाए गए पहले हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 (HTT-40) सीरीज प्रोडक्शन विमान TH 4001 ने शुक्रवार को बेंगलुरु में उड़ान भरी। यह विमान आने भारतीय वायुसेना की आने वाली पीढ़ी के वायु योद्धाओं को प्रशिक्षित करने में अहम भूमिका निभाएगा। बता दें कि IAF ने HAL के साथ कुल 70 HTT-40 विमानों की सप्लाई के लिए करार किया है। HTT-40 ने अपनी पहली उड़ान 2016 में भरी थी और 2022 में इसे सिस्टम लेवल सर्टिफिकेशन मिल गया था।
क्या है HTT-40 की खासियत?
HTT-40 एक पूरी तरह से एक्रोबैटिक, 2 सीटों वाला टर्बोप्रॉप विमान है। इस ट्रेनी एयरक्राफ्ट को HAL के विमान अनुसंधान और डिजाइन केंद्र ने भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को ध्यान में रखकर स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है। यह विमान बेसिक फ्लाइट ट्रेनिंग, एक्रोबैटिक्स, इंस्ट्रूमेंट फ्लाइंग और रात में उड़ान भरने का प्रशिक्षण देने के लिए बनाया गया है। इसमें अत्याधुनिक ग्लास कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स और नवीनतम सुरक्षा सुविधाएं, जैसे जीरो-जीरो इजेक्शन सीट, शामिल हैं।
450 किमी/घंटा है अधिकतम रफ्तार
हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 की अधिकतम रफ्तार 450 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान 6 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। HTT-40 ने अपनी पहली उड़ान 31 मई 2016 को भरी थी और 6 जून 2022 को सिस्टम लेवल सर्टिफिकेशन हासिल किया था। भारतीय वायुसेना ने HAL के साथ 70 HTT-40 प्लेन की सप्लाई के लिए अनुबंध किया है। सभी 70 विमानों की सप्लाई 2020 तक पूरी हो जानी है। इस सौदे में एक फुल मिशन सिम्युलेटर भी शामिल है, जो पायलटों को जमीन पर ही विभिन्न उड़ान प्रोफाइल का अभ्यास करने में मदद करेगा।
‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर कदम
HTT-40 का निर्माण भारत की रक्षा और विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह विमान सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करता है। HAL द्वारा स्वदेशी तकनीक से विकसित यह विमान न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि देश के रक्षा उत्पादन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। HTT-40 की सफल उड़ान और इसका प्रोडक्शन शुरू होना भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर है।
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