Raigarh: बागवानी फसल से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे जूनवानी के किसान नरेंद्र पटेल, 0.400 हेक्टेयर में बागवानी खेती से कमा रहे सालाना ढाई लाख रुपए से अधिक की आमदनी

रायगढ़, 30 सितम्बर 2025/ रायगढ़ जिले में किसान अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़ते हुए बागवानी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे उन्हें अधिक उत्पादन, बेहतर आमदनी और आत्मनिर्भरता प्राप्त हो रही है। जिले में कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देशन तथा जिला पंचायत सीईओ जितेंद्र यादव के मार्गदर्शन में किसानों को लाभकारी एवं बाजारोन्मुख खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी क्रम में ग्राम जूनवानी के प्रगतिशील किसान श्री नरेंद्र कुमार पटेल ने अपनी मेहनत, लगन और वैज्ञानिक खेती पद्धति को अपनाकर छोटी जोत पर भी बड़ी सफलता हासिल की है। मात्र 0.400 हेक्टेयर क्षेत्र में उन्होंने बरबट्टी, करेला और टमाटर की मिश्रित खेती कर उत्कृष्ट उत्पादन प्राप्त किया है।
आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग
उद्यान विभाग की सहायक संचालक रंजना माखीजा ने बताया कि किसान श्री पटेल ने अपनी खेती में आधुनिक तकनीक, संतुलित खाद प्रबंधन तथा समय पर फसल सुरक्षा उपायों को अपनाया। इसके परिणामस्वरूप उन्हें प्रति एकड़ कुल 180 क्विंटल की शानदार उत्पादकता हासिल हुई, जिसमें बरबट्टी 15 क्विंटल, करेला 15 क्विंटल और टमाटर 150 क्विंटल शामिल है। स्थानीय बाजार में इन फसलों का औसत मूल्य क्रमश: 35 रुपए, 35 रुपए एवं 15 रुपए प्रति किलो रहा। इस आधार पर किसान श्री पटेल को कुल 3,30,000 रुपए की सकल आय प्राप्त हुई। उत्पादन लागत 75,000 रुपए घटाने के बाद उन्हें 2,55,000 रुपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ।
किसान बोले-मेहनत, मार्गदर्शन और सही योजना से मिली सफलता
किसान नरेंद्र पटेल ने बताया कि उद्यान विभाग के अधिकारियों के निरंतर मार्गदर्शन में उन्होंने समय पर सिंचाई, जैविक खादों का प्रयोग, कीट नियंत्रण हेतु प्राकृतिक उपाय, तथा फसल की नियमित देखभाल पर विशेष ध्यान दिया। सीमित क्षेत्रफल में भी बेहतर फसल प्रबंधन और बाजार की मांग को ध्यान में रखकर की गई खेती से वे आज आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन चुके हैं। वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी जे. एस.तोमर ने बताया कि श्री पटेल की यह उपलब्धि न केवल उनके परिश्रम का परिणाम है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक पद्धति अपनाकर कम क्षेत्रफल में भी अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है। उनकी सफलता से प्रेरित होकर आस-पास के कई किसान अब मिश्रित खेती, सब्जी उत्पादन एवं बाजार-उन्मुख कृषि की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं।