Raigarh News: ग्राम एकताल में जिंदल फाउंडेशन की ‘परियोजना शिल्पी’ का हुआ शुभारंभ — ढोकरा कला को मिलेगा नया आयाम

रायगढ़. जिंदल फाउंडेशन द्वारा ग्राम एकताल में ‘परियोजना शिल्पी’ की शुरूआत की गयी है। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक ढोकरा कला को संरक्षित करना एवं इसमें निपुण महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। जिंदल स्टील एंड पॉवर, रायगढ़ के सीएसआर विभाग द्वारा परियोजना की विधिवत शुरूआत करते हुए गांव में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
शिल्पी परियोजना के अंतर्गत ढोकरा कला में संलग्न महिला स्व सहायता समूहों को मूर्तिकला के लिए आवश्यक संसाधनों की सौगात दी गयी। इनमें पीतल, मोम, धूप तथा आधुनिक उपकरण जैसे ग्राइंडर, बफिंग मशीन, इलेक्ट्रिक ब्लोअर, हैंड ब्लोअर, कार्बाइड टैंक, वेल्डिंग टॉर्च, ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन घड़ी शामिल हैं। ग्राम एकताल में वर्तमान में कुल 9 महिला स्व सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनमें 101 महिलाएं ढोकरा कला में कार्यरत हैं। इस परियोजना के प्रथम चरण में 4 समूहों की 44 महिलाओं को मशीनों के चार सेट प्रदान किए गए हैं। साथ ही सभी 9 समूहों की 101 महिलाओं को 500 किलो पीतल, 300 किलो धूप और 300 किलो मोम वितरित किए गए। इस अवसर पर जेएसपी रायगढ़ के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट संजीव चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। साथ ही सीएसआर विभाग के देवेंद्र दुबे सहित पूरी टीम उपस्थित रही। ग्राम एकताल के उप सरपंच सुंदरलाल झारा, पंचगण प्रदीप झारा, धरम झारा, गोविंदराम झारा एवं ग्रामवासी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
परियोजना शिल्पी के माध्यम से जिंदल फाउंडेशन द्वारा महिला स्व सहायता समूहों को कौशल उन्नयन हेतु सशक्तिकरण प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके अंतर्गत बेल मेटल से बनने वाली कलाकृतियों में विविधता लाने के लिए मूर्तिकला का प्रशिक्षण एवं व्यवसायिक दृष्टिकोण से विपणन (मार्केटिंग) का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे ये समूह आत्मनिर्भर बन सकें। जिंदल फाउंडेशन की यह पहल न केवल पारंपरिक कला को संजोए रखने की दिशा में एक सार्थक कदम है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक प्रेरणादायक प्रयास है।