सोने की चमक में छिपा संकट! रिकॉर्ड तोड़ तेजी से घबराए व्यापारी, मुख्यमंत्री से कल मिलेगा सराफा प्रतिनिधिमंडल
ऑनलाइन कंपनियों के दबदबे और असमान प्रतिस्पर्धा से परेशान पारंपरिक व्यापारियों ने मांगा संरक्षण, सोने के ₹13 लाख पार जाने से बढ़ी बेचैनी

रायपुर। त्योहारी सीजन में जहां सोने की चमक बाजारों में रौनक बिखेर रही है, वहीं इसकी तेजी ने पारंपरिक व्यापारियों की नींद उड़ा दी है। वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, ब्याज दरों में संभावित कटौती और भू-राजनीतिक तनाव के बीच सोना ₹12,75,00 प्रति 10 ग्राम के पार और चांदी ₹1,60,000 प्रति किलो के करीब पहुंच गई।
इस उछाल के बाद रायपुर समेत पूरे प्रदेश के सराफा बाजारों में निवेशकों और उपभोक्ताओं की भीड़ तो बढ़ी, लेकिन छोटे और पुश्तैनी व्यापारियों के माथे पर चिंता की लकीरें भी गहरी हो गई हैं।
🌍 वैश्विक कारणों से आई तेजी
अमेरिका-चीन तनाव, मध्य पूर्व में जारी युद्ध स्थिति और फेडरल रिज़र्व की संभावित ब्याज दर कटौती की अटकलों ने निवेशकों को एक बार फिर से “सेफ-हेवन” यानी सोने में सुरक्षित निवेश की ओर मोड़ दिया है।
वरिष्ठ विश्लेषक के मुताबिक, ₹12,75,00 से ऊपर का “ब्रेकआउट” सोने में मजबूत तेजी का संकेत है, लेकिन मुनाफावसूली की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता।
📈 रायपुर स्पॉट मार्केट के भाव
| धातु | सपोर्ट स्तर | रेज़िस्टेंस स्तर |
|---|---|---|
| सोना (₹/10 ग्राम) | ₹11,50,00 – ₹12,00,00 | ₹12,75,00 – ₹13,15,00 |
| चांदी (₹/किलो) | ₹1,37,000 – ₹1,43,000 | ₹1,58,000 – ₹1,62,000 |
⚖️ छोटे व्यापारियों पर संकट का साया
त्योहारी मांग से बाजार में हलचल तो बढ़ी, लेकिन कई पारंपरिक व्यापारियों का कहना है कि बड़ी कंपनियों के डिजिटल और थोक व्यापारिक प्रभाव से उनका अस्तित्व खतरे में है।
छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी ने बताया कि बड़ी कंपनियां “ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर झूठे प्रलोभन और असमान प्रतिस्पर्धा” के जरिए पारंपरिक व्यापार को नुकसान पहुंचा रही हैं।
🏛️ मुख्यमंत्री से कल मुलाकात करेगा प्रतिनिधिमंडल
इस गंभीर स्थिति पर चर्चा के लिए सराफा एसोसिएशन का विशेष प्रतिनिधिमंडल कल (14 अक्टूबर) मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात करेगा।
यह बैठक विश्व मानक दिवस के अवसर पर होगी, जहां भारतीय मानक ब्यूरो और राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
कमल सोनी ने कहा —
“यह हमारे व्यापार की आवाज़ उठाने का स्वर्णिम अवसर है। हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पारंपरिक सराफा व्यापार के संरक्षण के लिए ठोस नीति लाएंगे।”
📜 मुख्यमंत्री से उठाए जाएंगे प्रमुख मुद्दे
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पारंपरिक सराफा व्यापार को संरक्षण नीति में शामिल करना
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राज्य में स्वर्ण आभूषण नीति का गठन
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ऑनलाइन मूल्य हेराफेरी और अनुचित प्रतिस्पर्धा पर रोक
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छोटे व्यापारियों को ब्याजमुक्त ऋण सुविधा प्रदान करना
🔍 निष्कर्ष: चमक के बीच चिंता
जहां निवेशक इस तेजी को “गोल्डन अवसर” के रूप में देख रहे हैं, वहीं पारंपरिक सराफा व्यापारी इसे “संघर्ष का दौर” मान रहे हैं।
छत्तीसगढ़ जैसे पारंपरिक बाजारों में जब सोने की चमक बढ़ती है, तो उसके साथ स्थानीय चिंताएं भी और गहरी हो जाती हैं।
अब नज़रें कल होने वाली मुख्यमंत्री से मुलाकात पर टिकी हैं — जो यह तय करेगी कि सराफा व्यापार का भविष्य चमकेगा या मुनाफे की रोशनी में पिघल जाएगा।
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