Raigarh News: योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें: कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कृषि, उद्यानिकी, पशुधन और मछली पालन विभागों को दिए कड़े निर्देश

रायगढ़, 16 जुलाई 2025 – कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने आज कलेक्टर चेंबर में कृषि, उद्यानिकी, पशुधन और मछली पालन विभागों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा करते हुए क्रियान्वयन में लापरवाही और धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जताई। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए और कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण, बधियाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में धीमी प्रगति पर उपसंचालक पशुधन को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव और सहायक कलेक्टर श्री अक्षय डोसी भी उपस्थित रहे।
पशुधन विकास विभाग पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश
कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने पशुधन विकास विभाग के अंतर्गत कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण, बधियाकरण, पशु उपचार, औषधि वितरण और मोबाइल वेटरनरी यूनिट जैसे कार्यों में लक्ष्यों के मुकाबले अत्यंत कम उपलब्धि पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कार्य में रुचि नहीं लेने पर उपसंचालक पशुधन विकास विभाग और मैदानी अमलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को रोस्टर बनाकर मैदान में जाकर निरीक्षण करने और कार्यों में तेजी लाने के लिए कहा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि शासन से प्राप्त लक्ष्यों की पूर्ति के लिए सभी अधिकारी पूरी गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करें। उन्होंने मैदानी अमले की नियमित समीक्षा करने और कार्य के प्रति उदासीनता बरतने वाले कर्मचारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
ऑयल पाम और पौधारोपण अभियान में तेजी लाने पर जोर
कलेक्टर चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पौधारोपण अभियान की समीक्षा की और ऑयल पाम के लिए चिन्हांकित रकबे की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को इस कार्य से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि सुनिश्चित की जाए।
मछली पालन को बढ़ावा देने के निर्देश
मछली पालन विभाग को कलेक्टर ने कैच कल्चर के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर अधिक से अधिक किसानों को सहकारी समितियों से जोड़ा जाए। उन्होंने केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) के तहत अधिक से अधिक प्रकरण स्वीकृत कराकर मछली पालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर भी जोर दिया। कलेक्टर ने जिले में तालाबों के पट्टे समूहों को दिए जाने, कुल मत्स्य प्रक्षेत्र और उत्पादन लक्ष्य की जानकारी भी ली।
वैकल्पिक फसलों और खाद-बीज उपलब्धता पर फोकस
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने फसल क्षेत्राच्छादन, बीज एवं उर्वरक की उपलब्धता, भंडारण व वितरण, पीएम फसल बीमा, किसान सम्मान निधि, नेचुरल फार्मिंग, सॉइल हेल्थ कार्ड और कृषक पंजीयन की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने धान के स्थान पर मक्का, दलहन, तिलहन और अन्य वैकल्पिक फसलों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। साथ ही, कलेक्टर ने उर्वरक विक्रेताओं की अनियमितताओं पर की गई कार्रवाई की समीक्षा की और भविष्य में भी अनियमितता बरतने वाले उर्वरक विक्रेताओं पर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों को खाद-बीज की समस्या न हो और समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज उपलब्ध हो। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुधन एवं मछली पालन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।






