CG BIG NEWS: कृषि केंद्र की आड़ में देशभर में 2.5 करोड़ से अधिक की साइबर ठगी, 16 राज्यों में 56 केस, 2.5 करोड़ रुपये से अधिक का संदिग्ध ट्रांजैक्शन, ICICI बैंक खाते से जुड़ा मामला

कबीरधाम। पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज अभिषेक शांडिल्य (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन, पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (आईपीएस) के नेतृत्व, एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल, पंकज पटेल के समन्वय में कबीरधाम पुलिस द्वारा साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण एवं ऐसे अपराधों की जड़ों तक पहुँचने हेतु लगातार सतत कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में थाना भोरमदेव क्षेत्र में एक बैंक खाता जो एक कृषि केंद्र से जुड़ा प्रतीत होता था, उसके माध्यम से अंतरराज्यीय साइबर ठगी के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया है।
थाना भोरमदेव अंतर्गत ग्राम राजनावागांव में M/S Bhoramdeo Krishi Kendra नामक प्रतिष्ठान के नाम पर संचालित ICICI बैंक खाता, जिसका संचालन नामदेव साहू पिता भीमलाल साहू, निवासी सिंघनपुरी (हाथिडोब), द्वारा किया जा रहा था — उसकी तकनीकी जांच में सामने आया कि वर्ष 2023–24 के दौरान इस खाते से करीब ₹2.5 करोड़ रुपये के संदेहास्पद लेन-देन किए गए। ये लेन-देन सामान्य व्यापारिक गतिविधियों से मेल नहीं खाते थे, जिससे प्रारंभिक स्तर पर ही खाता संदिग्ध श्रेणी में आया।
देश के विभिन्न हिस्सों से प्राप्त जानकारी और तकनीकी समन्वय के आधार पर यह पाया गया कि उक्त खाते के माध्यम से 56 मामलों में कुल ₹70,27,299 की राशि सीधी साइबर ठगी की घटनाओं से जुड़ी हुई है। शेष बड़ी राशि के संदर्भ में भी प्राथमिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि वह राशि भी साइबर अपराध के माध्यम से अर्जित हो सकती है। यह इस तथ्य पर आधारित है कि बड़ी संख्या में ठगी के शिकार व्यक्ति जानकारी के अभाव, शर्म या असहायता के चलते औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराते।
देश के 16 राज्यों में इस खाते के विरुद्ध दर्ज साइबर ठगी के 56 प्रकरण एवं ठगी की राशि—
• आंध्र प्रदेश में 2 मामलों में ₹2,38,000 की ठगी
• बिहार में 1 मामले में ₹30,000 की ठगी
• चंडीगढ़ में 1 मामले में ₹50,000 की ठगी
• दिल्ली में 2 मामलों में ₹3,40,600 की ठगी
• गोवा में 1 मामले में ₹4,00,000 की ठगी
• गुजरात में 4 मामलों में ₹3,50,000 की ठगी
• हरियाणा में 4 मामलों में ₹2,60,000 की ठगी
• कर्नाटक में 10 मामलों में ₹8,67,953 की ठगी
• केरल में 1 मामले में ₹28,000 की ठगी
• मध्य प्रदेश में 1 मामले में ₹1,50,000 की ठगी
• महाराष्ट्र में 6 मामलों में ₹6,47,839 की ठगी
• पंजाब में 3 मामलों में ₹1,34,888 की ठगी
• तमिलनाडु में 3 मामलों में ₹9,52,600 की ठगी
• तेलंगाना में 11 मामलों में ₹19,22,421 की ठगी
• उत्तर प्रदेश में 1 मामले में ₹10,000 की ठगी
• पश्चिम बंगाल में 5 मामलों में ₹6,44,998 की ठगी
इस संपूर्ण विश्लेषण के पश्चात थाना भोरमदेव में धारा 317(4), 318(2) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विस्तृत विवेचना प्रारंभ की गई है। डीएसपी(साइबर सेल) श्री कृष्ण कुमार चंद्राकर एवं डीएसपी(मुख्यालय) श्री आशीष शुक्ला के नेतृत्व में गठित विशेष तकनीकी टीम द्वारा खाते से संबंधित मोबाइल नंबर, ईमेल, ट्रांजेक्शन की आवृत्ति, धन का प्रवाह, एवं अन्य डिजिटल साक्ष्यों का सूक्ष्म अध्ययन किया गया। जिस पर यह निष्कर्ष सामने आया कि आरोपी ने अपने खाते को जानबूझकर साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराया, जिससे अवैध रूप से धन अर्जित किया गया। यह म्यूल अकाउंट की परिभाषा में आता है — जो कि आधुनिक डिजिटल ठगी का मुख्य आधार बनते जा रहे हैं। इस कार्यवाही में साइबर सेल प्रभारी मनीष मिश्रा, ASI चंद्रकांत तिवारी, संजीव तिवारी, प्चुरधान आरक्म्मषक, आरक्षक संदीप शुक्ला, रोशन विश्वकर्मा आकाश राजपूत, मनीष सिंह, नरेंद्र चंद्रवंशी एवं थाना भोरमदेव से थाना प्रभारी निरीक्षक अरविन्द साहू, ASI दिनेश झरिया, प्रधान आरक्षक खुमान सिंह ठाकुर का विशेष योगदान रहा
कबीरधाम पुलिस की अपील – लालच से बचें, सचेत रहें, सुरक्षित रहें
पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (आईपीएस) ने आम नागरिकों विशेषकर युवाओं से यह विशेष आग्रह किया है कि वे सोशल मीडिया या मोबाइल मैसेजिंग प्लेटफार्म पर मिलने वाले जल्दी पैसा कमाने के प्रस्तावों से सावधान रहें।
आजकल साइबर अपराधियों के गिरोह टेलीग्राम, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर फर्जी नामों और ग्रुप्स के ज़रिए लोगों को यह कहकर आकर्षित करते हैं –
“घर बैठे बिना काम के पैसे कमाएं”,
“बैंक खाते के माध्यम से कमीशन पाएं”,
“सिर्फ अकाउंट डिटेल्स देकर रोज़ कमाई करें”, आदि।
ये सभी प्रस्ताव दिखने में आकर्षक ज़रूर हो सकते हैं, लेकिन इनके पीछे संगठित साइबर अपराध काम कर रहे होते हैं। आपके बैंक खाते का उपयोग अपराधी ठगी की रकम को इधर-उधर करने के लिए करते हैं, और यह पूरा नेटवर्क साइबर फ्रॉड में तब्दील हो जाता है।
यदि आपने किसी अजनबी को केवल खाता, मोबाइल नंबर या ओटीपी जैसी जानकारी दी — तो आप भी कानून की नजर में अपराध के भागीदार माने जा सकते हैं। ऐसे मामलों में भारतीय न्याय व्यवस्था के अनुसार जेल और आर्थिक दंड दोनों का प्रावधान है।
क्या करें और क्या न करें:
• किसी अजनबी के कहने पर अपना बैंक खाता, ओटीपी, मोबाइल नंबर या दस्तावेज साझा न करें
• “जल्दी पैसा कमाएं”, “रिफंड स्कीम”, “इनाम या निवेश” जैसे प्रस्तावों से दूर रहें
• किसी भी ऑनलाइन स्कीम में शामिल होने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें
• यदि संदेह हो तो बिना देरी किए 1930 (साइबर हेल्पलाइन) या अपने नजदीकी थाना में सूचना दें
आपकी जागरूकता ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है. कबीरधाम पुलिस नागरिकों से यह अपील करती है कि साइबर अपराध का सामना करने के लिए वे सतर्क और सजग रहें। कोई भी डिजिटल लेनदेन या ऑफर यदि असामान्य या संदेहास्पद लगे — तो वह शायद असली न होकर ठगी हो सकता है। डिजिटल युग में जहां तकनीक जीवन को आसान बना रही है, वहीं इसी तकनीक का दुरुपयोग कर कुछ अपराधी मासूम नागरिकों को फंसाकर लाखों की ठगी कर रहे हैं। पुलिस की साइबर टीमें लगातार निगरानी और जांच में लगी हैं, लेकिन जब तक नागरिक स्वयं सतर्क नहीं होंगे, तब तक ऐसे अपराधों पर पूरी तरह रोक लगाना संभव नहीं।”
उन्होंने यह भी कहा —”कृपया किसी लालच में आकर अपना बैंक खाता, ओटीपी, आधार या अन्य दस्तावेज किसी अजनबी के कहने पर साझा न करें। यदि आपको किसी भी ऑनलाइन लेन-देन, स्कीम या संदिग्ध गतिविधि में संलिप्त व्यक्ति की जानकारी मिले — तो बिना संकोच पुलिस को सूचित करें।”
सावधानी ही सुरक्षा है:
• कोई भी योजना जो असामान्य लाभ का वादा करे, उसमें सावधानी रखें
• यदि आप ठगी का शिकार हुए हैं, तो समय गंवाए बिना 1930 पर कॉल करें या स्थानीय थाने में रिपोर्ट करें
• याद रखें, जितनी जल्दी आप सूचना देंगे, उतना ही अधिक धन की रिकवरी और अपराध रोकने की संभावना होती है
कबीरधाम पुलिस का यह स्पष्ट संदेश है — जिले में साइबर अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं। जो भी इस नेटवर्क से जुड़ा पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि खुद भी जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें।