भाजपा कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक में बनी चुनावी रणनीति…छत्तीसगढ व मध्यप्रदेश को लेकर चिंता…

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आगामी मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ से एक को पद मिलना तय…पढ़िए पूरी ख़बर…

 भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में चुनावी रणनीति तय

नई दिल्ली :16 एवं 17 जनवरी 2023 भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नई दिल्ली में समाप्त हुई, 2023 में 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव सेमीफाइनल घमासान के लिये दिशा निर्देश भी दिए गये, 2024 लोकसभा चुनाव के लिये, जिन राज्यों में 2023 विधानसभा चुनाव होंगे वहां 112 लोकसभा की सीटें हैं।
तीन राज्यों के विधानसभा में हुई थी करारी हार
2018 में राजस्थान छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार हुई थी। लेकिन मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के दलबदल से फिर भाजपा सरकार पुनः बनी।
परिस्थितियां दयनीय
केंद्रीय भाजपा कार्यालय और केंद्र की भाजपा सरकार के सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार उपरोक्त तीनों राज्यों में भाजपा की स्थिति दयनीय है। राजस्थान में कुछ हद तक अनुकूल परिस्थितियां तो है, लेकिन निर्णय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सिंधिया के निर्णय पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा कमजोर है, राष्ट्रीय कार्यसमिति की आंतरिक बैठक में इस विषय पर गंभीर मंत्रणा की गयी है ।
जातिगत आधार बदले
राष्ट्रीय कार्यसमिति की आंतरिक बैठक में निर्णय हुआ, वैसे तो भाजपा पहले बनियों की पार्टी कहलाती थी फिर सवर्णों की की पार्टी होने का आरोप लगा, 2014 के बाद इसमें पिछड़ा वर्ग की छवि बनना प्रारंभ हुआ ।
मुस्लिम व ईसाई समाज पर भी फोकस
2023 में पूर्वोत्तर के 4 राज्यों के चुनाव है, वहां ईसाई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में है, उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए और केरल तमिलनाडु तेलंगाना आंध्र प्रदेश में मुस्लिमों को अपने पक्ष में करने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को जवाबदारी दी गयी और नारा दिया गया हिंदू ईसाई मुसलमान भाई-भाई। सबसे ज्यादा मुसलमानों से संपर्क बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया । बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बंगाल, आसाम में कुल 190 लोकसभा क्षेत्र हैं और सबसे ज्यादा पसमांदा मुसलमान इसी राज्य में हैं जो पिछड़े हुए हैं और मुस्लिम समाज में ही अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
दबाव
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हर हालत में सरकार बनाने की रणनीति पर प्रदेश नेतृत्व पर दबाव बनाते हुए, मध्यप्रदेश में 49 अनुसूचित जनजाति विधानसभा क्षेत्र और छत्तीसगढ़ में 29 अनुसूचित जनजाति विधानसभा क्षेत्र पर फोकस करने का रणनीति पर आदिवासी नेतृत्व की तलाश शुरू हुई, छत्तीसगढ़ में पिछड़े वर्ग के मतदाता को भाजपा के अनुकूल करने का प्रदेश नेतृत्व को निर्देश दिया गया।
फोकस 2024 लोकसभा चुनाव पर
कुल फोकस 2024 में हर हालत में केंद्र में एक बार पूरा नरेंद्र मोदी की सरकार बनाने का संकल्प लिया गया। 2023 में होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्रियों की बड़ी संख्या में जवाबदारी दी जा रही है और उन्हें लगातार उन राज्यों के दौरे पर ले जाने का निर्देश भी दिया गया।
मंत्री परिषद में फेरबदल
केंद्रीय मंत्री परिषद में 25 जनवरी से पहले फेरबदल होने जा रहा है, छत्तीसगढ़ से, सूत्र जो बता रहे हैं अनुसूचित जाति वर्ग से और पिछड़ा वर्ग से प्रतिनिधित्व केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में मिलना लगभग तय है।

देखना ये है कि छत्तीसगढ में लगभग धराशायी हो चुके भाजपा के संगठन को अब कैसे खड़ा किया जाएगा क्योंकि पुराने चेहरों को लेकर जनता जनार्दन में अभी भी जबरदस्त नाराज़गी है।यदि अभी भी इन्हें क्षेत्र से हटाया नहीं गया तो ये छत्तीसगढ भाजपा के लिए नुकसानदायक ही होगा।











वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में कई नए चेहरे को ही सामने किया जाएगा







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