छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की छात्रों को सलाह: प्रवेश से पहले इन ‘चेक पॉइंट्स’ की करें पुष्टि 

रायपुर, 18 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने राज्य के निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को सतर्क रहने और कुछ आवश्यक परीक्षण बिंदुओं (Check Points) के आधार पर तथ्यों की पुष्टि करने की सलाह दी है। यह कदम छात्रों के हितों की रक्षा और वैध शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

  • प्रवेश पूर्व आवश्यक परीक्षण बिंदु:
    आयोग के प्रभारी सचिव ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देने को कहा है:
  • विश्वविद्यालय की अधिसूचना और प्रकाशन: सुनिश्चित करें कि संबंधित विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम-2005 के अंतर्गत विधिवत अधिसूचित है। साथ ही, यह भी जांच लें कि उसके परिनियम (statutes) और अध्यादेश (ordinance) छत्तीसगढ़ शासन के राजपत्र में प्रकाशित हो चुके हैं। छात्रों का प्रवेश इन्हीं के प्रकाशन के बाद ही वैध माना जाएगा।
  • संघटक इकाई (Constituent Unit) की पुष्टि: यह सुनिश्चित करें कि निजी विश्वविद्यालय में संचालित संस्थान/अध्ययन शाला, विश्वविद्यालय की केवल एक संघटक इकाई है। निजी विश्वविद्यालय एकात्मक (Unitary) स्वरूप के होते हैं और उन्हें किसी अन्य महाविद्यालय या शिक्षण संस्थान को संबद्ध (Affiliate) करने की अनुमति नहीं है। यह कोई संबद्ध महाविद्यालय, शिक्षण संस्थान, या शोध संस्थान नहीं होना चाहिए।
  • यूजीसी अनुमोदन और अध्यादेशों का प्रकाशन: जिस पाठ्यक्रम या डिग्री में प्रवेश लिया जा रहा है, उसकी यूजीसी (UGC) से अनुमोदन की पुष्टि करें। इसके अतिरिक्त, यह भी जांच लें कि उस पाठ्यक्रम से संबंधित अध्यादेश (ordinance) राजपत्र में प्रकाशित अध्यादेशों में शामिल है।
  • पी.एच.डी. पाठ्यक्रमों के लिए विशेष निर्देश: पी.एच.डी. की उपाधि के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (पी.एच.डी. उपाधि के लिए न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया) विनियम, 2022 प्रभावी है। पी.एच.डी. पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिस विषय में वे प्रवेश ले रहे हैं, उस विषय में संबंधित निजी विश्वविद्यालय के पास मानदंडों के अनुरूप योग्यता प्राप्त नियमित शोध निर्देशक पदस्थ हों। बाहर के शोध निर्देशकों की सेवाएं लेकर शोध कार्य कराना यूजीसी विनियम-2022 की भावना के प्रतिकूल माना जाएगा।

आयोग का यह निर्देश छात्रों को धोखाधड़ी से बचाने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button