Raigarh News: गांजा तस्करी के दो आरोपियों को 5-5 साल कड़ी कैद की सजा, अदालत ने 10-10 हजार के जुर्माने से भी किया दंडित

रायगढ़। रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक जगह पर मादक पदार्थ गांजा की तस्करी करने के मामले में अदालत ने आज दो लोगों को पांच-पांच साल के कठोर कारावास और दस-दस हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि 30 जनवरी 2024 को कोतवाली उपनिरीक्षक दीपिका निर्मलकर को रेलवे सुरक्षा बल से सूचना मिली कि रेलवे स्टेशन के बाहर दो व्यक्ति पिट्ठु बैग में मादक पदार्थ गांजा लेकर बिक्री करने के लिये ग्राहक तलाश रहे है। ऐसा उसे मुखबिर से जानकारी मिली है। उक्त सूचना को दर्ज करते हुए थाना प्रभारी को मामले की जानकारी दी गई। पतासाजी के दौरान रायगढ़ रेल्वे स्टेशन के बाहर महादेव मंदिर के सामने दो व्यक्ति पिट्टू बेग पकड़े बैठे दिखे जिन्हें घेराबंदी कर पकड़ा गया, पूछताछ करने पर उनके द्वारा अपना नाम गौरांगो राजहंस पिता पाइको राजहंस एवं रमाकांत सुना पिता लोहाबीर सुना बताया गया।
संदेहियों की तलाशी मे गौरांगो राजहंस के कब्जे से स्लेटी रंग के पिट्टू बैग के अंदर खाखी रंग के टेप मे लपेटा हुआ 04 पैकेट गांजा जैसा मादक पदार्थ एवं रमाकान्त सुना के कब्जे से नीला रंग के पिट्टू बैग से 01 पैकेट में मादक पदार्थ गांजा जैसा संदिग्ध प्राप्त हुआ जिसे बरामद किया गया और बरामद मादक पदार्थ का पहचान कर मादक पदार्थ पहचान पंचनामा प्रदर्श पी-16 तैयार किया गया।
पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपी के खिलाफ धारा 20 बी !! बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया था। यह मामला विशेष सत्र न्यायाधीश एन.डी.पी.एस. रायगढ़ की अदालत में विचाराधीन था। विद्वान न्यायाधीश अश्विनी कुमार चतुर्वेदी ने इस मामले में दोनों पक्षो की सुनवाई पश्चात आरोपियों को दोष सिद्ध करार देते हुए मादक पदार्थ रखने के अपराध में 5-5 वर्ष (अक्षरी पांच-पांच वर्ष) के कठोर कारावास एवं 10-10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्तगण को छह-छह माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगताने का प्रावधान रखा गया है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक तन्मय बनर्जी ने पैरवी की।
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