राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों को केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी बधाई

नई दिल्ली। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार पाने वाले सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 पुरस्कार से सम्मानित सभी प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों को हार्दिक बधाई। विज्ञान रत्न, विज्ञान श्री, विज्ञान युवा – शांति स्वरूप भटनागर, विज्ञान टीम का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि ये पुरस्कार भारत के उन उत्कृष्ट वैज्ञानिक मस्तिष्कों का सम्मान करते हैं जिनका अभूतपूर्व योगदान देश के नवाचार और तकनीकी विकास को गति दे रहा है।
शनिवार को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों का ऐलान हुआ था। इस दौरान बिग बैंग सिद्धांत को चुनौती देने वाले प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नारलीकर को विज्ञान रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया। ‘बिग बैंग’ सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड एक ही क्षण में बना था, जबकि नारलीकर ने ब्रिटिश खगोलशास्त्री फ्रेड हॉयल के साथ मिलकर यह प्रतिपादित किया कि ब्रह्मांड हमेशा से अस्तित्व में रहा है और अनंत काल तक नये पदार्थों का निरंतर निर्माण होता रहा है। नारलीकर का 86 वर्ष की आयु में 20 मई को निधन हो गया था।
देश का सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार
पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार देश का सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार है। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के दूसरे संस्करण, 2025 के विजेताओं की घोषणा शनिवार को राष्ट्रीय पुरस्कारों की वेबसाइट पर की गई। सरकार ने आठ विज्ञान श्री, 14 विज्ञान युवा और एक विज्ञान टीम पुरस्कार की भी घोषणा की। प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, जिन्हें गेहूं प्रजनक के रूप में जाना जाता है, को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यूसुफ मोहम्मद शेख को विज्ञान श्री
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के भौतिकी समूह के निदेशक यूसुफ मोहम्मद शेख को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार दिया गया है। कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र के के.थंगराज को जैविक विज्ञान के क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला और आईआईटी-मद्रास के प्रदीप थलप्पिल को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार प्रदान किया गया। रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलपति अनिरुद्ध भालचंद्र पंडित को इंजीनियरिंग विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार दिया गया और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान के निदेशक एस.वेंकट मोहन को पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार मिला।
एम.महाराज को विज्ञान श्री
टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान में गणित के प्रोफेसर, एम.महाराज को गणित और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार प्रदान किया गया। इसरो के द्रव नोदन प्रणाली केंद्र के जयन एन को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। इसके अलावा, 14 विज्ञान युवा पुरस्कार विजेताओं की भी घोषणा की गई। सीएसआईआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) अरोमा मिशन टीम, जिसने जम्मू और कश्मीर में लैवेंडर मिशन की शुरुआत की, को विज्ञान टीम पुरस्कार के लिए नामित किया गया।
|
|
|
|
![]() |
![]() |
| ||






