भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, उच्च न्यायालय ने खारिज की

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को हाईकोर्ट से भी झटका लगा है। ईओडब्ल्यू की एफआईआर को चुनौती देते हुए दायर की गई उनकी याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। चैतन्य बघेल की याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई । चैतन्य बघेल ने अपने खिलाफ ईओडब्ल्यू की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। चीफ जस्टिस की डीबी ने आज इस मामले में सुनवाई करते हुए संबंधित मामले में फ्रेश पिटीशन की जरूरत बताई और याचिकाकर्ता को नई याचिका दायर करने की छूट देते हुए याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कहा कि आपको ऐसी नई याचिका दायर करने की छूट दी जा रही है जिसमें सिर्फ आपकी ही याचिका हो। आज सुनवाई के दौरान जाने-माने अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने वीसी के जरिए खुद को कनेक्ट किया और सीनियर अधिवक्ता एन हरिहरन के अलावा अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिया ने चैतन्य की ओर से पैरवी की।
ईडी की कस्टडी में हैं चैतन्य
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई। चैतन्य बघेल की ओर से अधिवक्ता हर्षवर्धन पगारिया ने याचिका दायर की थी और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने पैरवी की। वहीं, सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि आगे की जांच में चैतन्य बघेल का नाम सामने आया है और वह वर्तमान में ईडी की कस्टडी में है। कोर्ट ने कहा कि याचिका सामान्य प्रकृति की है और सीधे तौर पर याचिकाकर्ता के खिलाफ निर्दिष्ट नहीं है,इसलिए इसे नई तरह से उचित बेंच के सामने प्रस्तुत किया जाए।