भिलाई: डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, 12.5 लाख की ठगी का खुलासा

डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले 02 आरोपी फतेहपुर उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार
सीबीआई एवं क्राईम ब्रांच अधिकारी बनकर सायबर ठगी को दिया अंजाम
प्रार्थिया को डिजिटल अरेस्ट कर जान-माल एवं जॉच का भय दिखाकर किया 12.5 लाख रूपये की ठगी।
फर्जी कॉल सेंटर में आधुनिक मशीन कॉल कन्वर्टर के माध्यम से आरोपियों की पहचान छुपाकर करता था ठगी।
आरोपी के कब्जे से 03 कॉल कन्वर्टर मशीन, 01 लैपटॉप, 105 सीम, 05 मोबाईल बरामद।
एसीसीयू एवं थाना भिलाई नगर की संयुक्त कार्यवाही ।







भिलाई। महिला को CBI और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर डराने, ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखने और जान-माल की धमकी देकर ₹12.5 लाख की ठगी करने वाले दो शातिर साइबर ठगों को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से आधुनिक कॉल कन्वर्टर मशीन, लैपटॉप, 105 सिम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
फर्जी अफसर बन धमकाया, फिर डिजिटल अरेस्ट कर डाली ठगी
पीड़िता शोभा झा, निवासी सेक्टर-07 भिलाई, ने 8 जुलाई 2025 को थाना भिलाई नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 1 जुलाई को उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसमें खुद को CBI और क्राइम ब्रांच कोलावा का अधिकारी बताया गया। फोन करने वाले ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी जैसे गंभीर अपराधों में फंसाने की धमकी दी और IPC की धाराएं 198, 223, 420 लगाने की बात कही।
आरोपियों ने पांच दिन तक पीड़िता को मानसिक रूप से बंधक बनाकर उनके ही घर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ की स्थिति में रखा। डर के चलते उन्होंने अपने गहने गिरवी रखे और पेंशन खाता खाली कर ₹12.5 लाख की रकम आरोपियों द्वारा बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दी।
कॉल कन्वर्टर से छिपाई पहचान, 100 से ज्यादा सिम से करते थे ठगी
मामले की गंभीरता को देखते हुए सायबर सेल और थाना भिलाई नगर की संयुक्त टीम बनाई गई। तकनीकी जांच में सामने आया कि ठगों ने कॉल कन्वर्टर मशीन और आधुनिक सॉफ्टवेयर की मदद से 90 से 100 सिम कार्ड का एक साथ उपयोग कर खुद की पहचान छिपाई और कॉल को फॉरवर्ड किया।
पुलिस ने तकनिकी विश्लेषण कर आरोपियों की पहचान की और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार किया। उनके पास से 3 कॉल कन्वर्टर मशीनें, 1 लैपटॉप, 105 सिम कार्ड और 5 मोबाइल फोन बरामद किए गए।
गिरफ्तार आरोपी
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शहबाज़ उर्फ मोहम्मद फैजल अहमद, निवासी मवाना, मेरठ, उत्तर प्रदेश
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अनस खान, निवासी सिविल लाइन, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश
टीम की महत्वपूर्ण भूमिका
इस कार्रवाई में उपनिरीक्षक सुरेंद्र तारम (थाना नेवई), प्रधान आरक्षक मेघराज चेलक, आरक्षक जावेद हुसैन, जुगनू सिंह (एसीसीयू) और पोषण चंद्राकर (थाना भिलाई नगर) की प्रमुख भूमिका रही।
जांच जारी, गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश
पुलिस अब इस साइबर ठगी नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। जांच एजेंसियों को शक है कि यह एक बड़ा संगठित गिरोह है, जो देशभर में इसी तरह की घटनाओं को अंजाम देता रहा है।