Raigarh News: काम बंद कर हड़ताल पर रहे एनएचएम कर्मचारी, जिले के समस्त एनएचएम कर्मचारी सड़क पर उतरे, रैली निकालते हुए, ताली थाली बजाते बताई अपनी पीड़ा

रायगढ़। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 से अधिक संविदा कर्मचारी अपनी नियमितीकरण सहित 10 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर आज से दो दिवसीय प्रदेशव्यापी आंदोलन पर हैं। रायगढ़ जिले में भी समस्त NHM कर्मचारी सड़क पर उतर आए और शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी मिनी स्टेडियम में धरना-प्रदर्शन और “ताली-थाली बजाओ” रैली का आयोजन किया। कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “20 वर्षों से केवल वादे और छलावा मिला है, इसलिए आज हमें ताली और थाली बजानी पड़ी!”
स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित, गांवों में बंद हुए उप-स्वास्थ्य केंद्र
इस हड़ताल का सीधा असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। कई गांवों के उप-स्वास्थ्य केंद्र बंद हो गए हैं, जिससे बीपी और शुगर की जांच, साप्ताहिक हेल्थ मेले और टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान उन्हें “कोरोना योद्धा” कहकर सम्मानित किया गया था, लेकिन आज भी वे संविदा में शोषित, उपेक्षित और पीड़ित हैं।
प्रमुख मांगें और आंदोलन की चेतावनी
एनएचएम कर्मियों की मुख्य मांगों में नियमितीकरण/संविलयन, ग्रेड-पे निर्धारण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, मेडिकल अवकाश की सुविधा और 27% वेतन वृद्धि शामिल हैं। ये सभी मांगें पिछले 20 वर्षों से लंबित हैं।
प्रदर्शन के दौरान, NHM संविदा कर्मियों ने ताली-थाली बजाते हुए जल्द से जल्द समाधान की मांग की और नारे लगाते हुए दिखे। रायगढ़ में एक वृहद रैली की शक्ल में संयुक्त कलेक्टर राकेश कुमार गोलचा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर शीघ्र निराकरण की उम्मीद जताई गई।







नेताओं का बयान और आगे की रणनीति
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने सरकार को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा, “सरकार से कई बार संवाद करने के बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। यह प्रदर्शन केवल ध्यान आकर्षण नहीं, बल्कि सरकार के प्रति अंतिम चेतावनी है। यदि शीघ्र समाधान नहीं निकला, तो यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।”
जिला अध्यक्ष शकुंतला एक्का ने भी स्पष्ट किया कि “प्रदेश के सभी 33 जिलों में हमारे 16,000 से अधिक साथियों ने आज कलेक्टरों के माध्यम से ज्ञापन सौंप दिए हैं। यदि 15 दिन में मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन उग्र रूप लेकर अनिश्चितकालीन किया जाएगा।”
कर्मचारियों में भारी आक्रोश है क्योंकि सरकार बदल जाने के बाद भी उनकी स्थिति जस की तस बनी हुई है। उनका आरोप है कि जनता, जनप्रतिनिधि, विधायक और सांसद लगातार अनुशंसा पत्र दे रहे हैं, लेकिन सरकार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दे रही। आज कर्मचारी विधानसभा घेराव करने वाले हैं, जिससे इस मुद्दे पर दबाव और बढ़ने की संभावना है।