छत्तीसगढ़

CG News: शिक्षक ने फर्जी मेडिकल बिल लगाकर किया 30 लाख फर्जीवाड़ा, DEO ने बनाई जांच कमेटी

 बिलासपुर। एशिया के सबसे बड़े ब्लाक बिल्हा में पहले प्रभार को लेकर स्कूलों में लंबा खेला चला और अब एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। बिल्हा ब्लाक के एक स्कूल में पदस्थ शिक्षक ने राज्य शासन द्वारा मिलने वाली चिकित्सा सुविधा की आड़ में बड़ा खेला कर दिया है।अपने और परिजनों के नाम फर्जी मेडिकल बिल लगाया और 30 लाख रुपये का खेला कर ही दिया था कि इसी बीच कलेक्टर को लिखित शिकायत मिली। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने डीईओ अनिल तिवारी को जांच कराने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। कलेक्टर के निर्देश पर डीईओ ने दो सदस्यीय जांच दल का गठन कर दिया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है,चौंकाने वाली बातें सामने आने लगी है।

बिल्हा ब्लॉक में पदस्थ शिक्षक साधे लाल पटेल ने अपने और परिजनों के नाम पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बिल्हा में फर्जी मेडिकल बिल जमा किया। फर्जी मेडिकल बिल को विभाग ने राज्य कार्यालय को फारवर्ड कर राशि भी मंगा ली। भुगतान होता इसके पहले ही शिकायतकर्ता धनंजय ने बिलासपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर बिल्हा ब्लाक में फर्जी मेडिकल बिल के नाम पर फर्जीवाड़ा की शिकायत की है। शिकायत में लिखा है कि शिक्षक साधे लाल पटेल ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर बीईओ कार्यालय बिल्हा में 30 लाख का बिल प्रस्तुत किया है। जिस वक्त उसने अपने आपको बीमार बताकर इलाज का बिल पेश किया है उस वक्त ड्यूटी में भी उपस्थित थे।

शिकायत के अनुसार, साधे लाल पटेल ने 29 अगस्त 2024 को जिला चिकित्सालय से स्वीकृत बिल कार्यालय में प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार 77,564 रुपए की राशि उनके द्वारा इलाज पर खर्च की गई है और जिस बिल को उन्होंने जमा किया है वह बिल मूल रूप से शिक्षक असीम वर्मा का है, जिसको कूटरचित कर उन्होंने प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार अपने परिचित उमाशंकर चौधरी का 27 अगस्त 2024 को 5 लाख 42 हजार 535 रुपए का बिल प्रस्तुत किया है जो की मूल रूप से असीम वर्मा का है और 1,43,000 रुपये का बिल है । इसी तारीख को स्वीकृत एक और बिल राजकुमारी पटेल का है जो 4 लाख 3 हजार 327 रुपए का है। जबकि मूल रूप से यह बिल 47 हजार का है । इसी प्रकार एक बिल स्व नरेंद्र कुमार चौधरी के नाम से 5 लाख 33 हजार 123 रुपए का प्रस्तुत किया गया है जो जिला चिकित्सालय से 18 जनवरी 2022 को पास किया गया है जबकि मूल रूप से यह बिल₹32, 000 रुपये का है। राजकुमारी पटेल के नाम से 7 लाख 32 हजार 841 रुपए का फर्जी बिल प्रस्तुत किया गया है। दूसरे के नाम के बिल को अपना बात कर और राशि को बढ़ाकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बिल प्रस्तुत किया है।

 

डीईओ ने गठित की जांच कमेटी

डीईओ अनिल तिवारी ने दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। हायर सेकेंडरी स्कूल बैमा नगाई के प्राचार्य एसके कश्यप व हायर सककेंडरी स्कूल सरकंडा के लिपिक घनश्याम दुबे को जांच करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

[email protected]

स्वामी, संचालक – अनिल रतेरिया पता – गौरीशंकर मंदिर रोड़, रायगढ़ (छ.ग.) ईमेल: [email protected] मोबाईल नं.: +91-9827197981

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button