रायगढ़। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र से एक बड़ी और दुखद खबर सामने आई है। जिसमें उपचार के दौरान घायल नर हाथी की मृत्यु हो गई है। स्थानीय वन परिक्षेत्र अधिकारी सी वी सिदार ने इस बात की पुष्टि की है। इस मामले पर वन अधिकारी ने बताया कि कुछ माह पहले कोरबा वन मंडल इलाके में इस घायल ‘मकना’ हाथी का इलाज़ कराया गया था। जिसके बाद यह (बिना दांत वाला) नर हाथी धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत आने वाले छाल रेंज में पहुंच गया था। बीते करीब एक माह से अधिक समय से छाल रेंज अंतर्गत विचरण कर रहा था। इस दौरान वन विभाग द्वारा इस हाथी का समुचित उपचार कराया जा रहा था। घायल मकना हाथी के बेहतर इलाज़ के लिए दो कुमकी हाथी लाए गए हैं। आज शुक्रवार को कुमकी हाथी के साथ चिकित्सकों की टीम द्वारा इस घायल गजराज के इलाज़ की कवायद शुरू की गई। छाल रेंज के बेहरामार वन परिसर में मौजूद इस घायल हाथी की इलाज के दौरान मौत हो गई है। स्थानीय वन अधिकारी ने बताया कि बेहरामार परिसर के कंपार्टमेंट नंबर 572 में घायल हाथी विचरण कर रहा था। शुक्रवार को कुमकी हाथी और चिकित्सकों की टीम वहां पहुंची और हाथी का इलाज़ शुरू किया गया। इस दौरान घायल हाथी की मृत्यु हो गई है। घायल हाथी के इलाज के लिए छाल रेंज के बेहरामार वन परिसर में एक बाड़ा ( निश्चित दायरे में सीमित घेरा ) तैयार किया गया था। कुमकी हाथी की मदद से घायल गजराज को इस बाड़े में लाकर उसके उपचार की योजना बनाई गई थी। खबर लिखे जाने तक वन विभाग के आला अधिकारियों सहित वन अमला और चिकित्सकों की टीम बेहरामार वन इलाके में उपस्थित रहे। फारेस्ट रेंज अधिकारी सी वी सिदार ने देर शाम फोन पर बताया कि घना जंगल होने के कारण उन्हें घटनास्थल पर पहुंचने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी होगी। संपर्क न होने के कारण इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों का पक्ष सामने नहीं आ पाया है।
चंद्र विजय सिदार – छाल रेंजर:-
कोरबा वन मंडल क्षेत्र में बीते 19 दिसंबर को इस घायल गजराज का इलाज़ कराया गया था। जिसके बाद यह घायल गजराज छाल रेंज में बीते करीब दो माह से डटा हुआ था। इस दौरान वन विभाग द्वारा हाथी को गुड़, केला के साथ दवा दी जा रही थी। चिकित्सकों द्वारा इस हाथी का इलाज़ भी किया जा रहा था। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर बेहतर उपचार के लिए शुक्रवार को कुमकी हाथी लाए गए और चिकित्सकों द्वारा हाथी का इलाज़ शुरू किया गया। इस दौरान घायल गजराज की मौत हो गई है।