Sarangarh News: सरकारी शिक्षक पढ़ाना छोड़ नेटवर्किंग के काम में जुड़ रहे, चला रहे है व्यापार, जेडी ने डीईओ से मांगा  रिपोर्ट, डीईओ ने शिक्षकों को जारी किया सख्त आदेश

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सारंगढ़ – बिलाईगढ़ में अधिक संख्या में शिक्षक इस काम में जुड़े, सोशल मीडिया की सारी जानकारी मंगाई गई
इस्पात टाइम्स/ रायगढ़ । सरकार द्वारा शिक्षकों को अच्छी सैलरी दी जा रही है, जिसमें वह ध्यान और लगन से पढ़ाई करा सके, लेकिन शिक्षक पढ़ाई छोड़ दूसरे काम कर कमाई पर ध्यान दे रहे है । वे स्कूली बच्चों को पढ़ाना छोड़ नेटवर्क मार्केटिंग का काम में लग गए हैं। शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक (जेडी) ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर ऐसे शिक्षको की जानकारी संभाग में भेजने के लिए कहा है।

शिक्षक अधिक पैसे की लालच में नेटर्किंग काम में लग गए है, वे इस
तरह की कंपनियों में जुड़ कर एजेंट की भूमिका में काम कर रहे है। बच्चों के अभिभावकों को भी इससे जुड़ने के लिए कह रहे हैं। बताया जाता हैं कि सबसे पहले रायगढ़ जिले में इसकी बात सामने आई थी, बताया जाता हैं कि यह जानकारी सामने आने के बाद डीईओ ने लिखित में इस संबंध में आदेश जारी कर शिक्षकों को सख्त निर्देश जारी किया है।

हर्बल प्रोडक्ट्स से रायगढ़, पुसौर और तमनार ब्लॉक के कई शिक्षक जुड़े हुए हैं। बरमकेला के डोंगरीपाली के शशिकांत बैरागी ने तो स्कूल की नौकरी छोड़कर पूरे तौर इसी तरह के काम में जुड़ गए है। नौकरी को इस्तीफा दे दिया, लेकिन रायगढ़ और सारंगढ़ जिले में कई स्कूलों के शिक्षक पढ़ाई के साथ में चोरी छिपे इस काम में लगे हुए है।

जिले में बैठे हुए अफसर ही चला रहे है व्यापार

दरअसल रायगढ़ जिले में पदस्थ अफसर जिन्हें प्रायमरी और मीडिल स्कूलों की मॉनटिरिंग और शिक्षा गुणवत्ता सुधारने की जिम्मेदारी है। वही

अफसर हर्बल प्रोडक्ट और नेटवर्क बिजनेस से जुड़े हुए हैं, वहीं अफसर ही जिले के शिक्षकों को इस व्यापार के तार से जोड़े रखे है, यह शिक्षकों की मजबूरी भी बनती जा रही है।

ओ से जानकारी मांगी

सारंगढ़ – बिलाईगढ़ जिले के डीईओ ने सारे बीईओ को पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी हैं जिसमें कहा गया हैं कि यदि कोई इस तरह का व्यवसाय करता है। यदि उस व्यक्ति का वाट्सएप चैटिंग, फेसबुक पोस्ट जैसे सोशल मीडिया में कोई भी जानकारी सामने आता है तो उसे भी डीईओ ने जिला स्तर पर भेजने के लिए कहा गया है। इसकी सूची भी भेजने के लिए कहा गया है, यहां पर सबसे बड़ी संख्या में शिक्षक यह कार्य कर रहे हैं।

 

 



































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