सारंगढ़,खरसिया में कांग्रेस मजबूत, अन्य सीटों पर बीजेपी का पलड़ा भारी
रायगढ़ टॉप न्यूज 6 मई 2024। रविवार को लोकसभा चुनाव का प्रचार प्रसार थम गया है, मंगलवार को वोटिंग होगी। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बीजेपी के पक्ष में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सारंगढ़ के बरमकेला में प्रचार-प्रसार किया। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी खुद अपने पार्टी के विधायकों के साथ जनसंपर्क किया। इस बार रायगढ़ लोकसभा सीट हॉट सीट नहीं रह गई है। इस सीट से पहले धाकड नेता नंदकुमार साय, अजीत जोगी, चार बार से सांसद बनकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बने । गोमती साय जैसी धाकड़ नेता इसी सीट से लोकसभा सांसद रहीं। लेकिन इस बार यहां से बीजेपी के बीडीसी रहे राधेश्याम राठिया और सारंगढ़ राजपरिवार की डॉ. मेनका देवी चुनावी मैदान में है ।
बीजेपी इस सीट को लेकर ज्यादा संजीदा है क्योंकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इसी सांसदीय क्षेत्र से आते हैं, पांच पहले वे इसी सीट से ही चार बार से सांसद रह चुके है, ऐसे में बीजेपी यहां जीत हासिल करना चाहती तो है लेकिन बड़ी लीड के साथ चुनाव जीते इसके लिए पूरी मेहनत कर रही है। वहीं दूसरी तरफ मेनका सिंह सिमित संसाधनों से चुनाव प्रचार में डटी हुई हैं। हालांकि सारंगढ़ का राज परिवार के सक्रीय राजनीति में लंबे से दूर था, इस बार जब लोकसभा चुनाव के लिए नेताओं की दावेदारी सामने आई तो कांग्रेस के बड़े और धाकड़ नेताओं ने चुनाव लड़ने से किनारा कर दिया, ऐसे में डॉ मेनका दावेदारी मजबूत हो गई और उन्हे टिकट मिलने में आसानी हो गई । बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस का प्रचार फीका रहा है । बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस का प्रचार फीका रहा है ।
मुख्यमंत्री ने झोंकी पूरी ताकत
सीएम विष्णुदेव साय बीजेपी प्रत्याशी राधेश्याम राठिया को अच्छी लीड के साथ चुनाव जीताने में पूरी ताकत लगा दिया है। रायगढ़ लोकसभा की 8 विधानसभाओं में खुद सारे विधानसभा में जाकर चुनावी प्रचार किया है, इसलिए बीजेपी संगठन भी एक टीम वर्क के साथ काफी ज्यादा सक्रीयता से इस चुनाव लड़ रही है, जशपुर का राजपरिवार इस लोकसभा क्षेत्र में बड़ी भूमिका रहती है, इस बार लोकसभा चुनाव में जुदेव परिवार भी किसी तरह से कोई कमी नहीं छोड़ रहा है । जशपुर से एक लाख से अधिक वोट लीड वहां से दिलाने पर जोर लगा रही है।
चुनाव के पहले बीजेपी ने बड़ा खेला किया है, जिसमें रायगढ़ से पूर्व विधायक प्रकाश नायक और ग्रामीण क्षेत्र धाकड़ कांग्रेसी रहे कैलाश नायक को चुनाव के हफ्तेभर पहले भाजपा में ज्वाइन करा लिया । इसी तरह सारंगढ़ में भी कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य विलास सारथी को भी बीजेपी में शामिल करा लिया है। इसी तरह लैलूंगा विधानसभा से अशोक अग्रवाल सहित अन्य कांग्रेसी सरपंच, पार्षद, पार्टी के पदाधिकारी सहित कार्यकर्ता लगातार बीजेपी में शामिल होने की लाइन लगी रही, जो चुनाव के पहले बड़ा माइलेज बीजेपी को मिला है।
पीएम का संदेश काम कर गया
कुछ दिनों पहले जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सक्ती और अंबिकापुर में चुनावी सभा के पहले रायगढ़ जिंदल एयरस्ट्रिप पहुंचे थे, तब स्थानीय बीजेपी नेताओं से कहा था कि वह कड़कड़ाती धूप की चिंता ना करे और प्रचार में उतरे, इससे बीजेपी नेताओं का मनोबल और बढ़ गया। इस संदेश ने बीजेपी नेताओं को रिचार्ज कर डाला और फिर वह जी जान से चुनाव प्रचार में लग गए। इसका असर यह रहा कि डोर टू डोर कैपेनिंग की रफ्तार पकड़ लिया। मुख्यमंत्री ने तो सभा ली ही साथ ही मुख्यमंत्री की पत्नी कौशल्या साय ने भी पहली बार जशपुर से निकलकर पहली बार रायगढ़ और सारंगढ़ में जाकर प्रचार प्रसार की। श्रीमती साय नुक्कड नाटक के साथ चाय पर चर्चा जैसे कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया, वही चिलचिलाती धूप में उपमुख्यमंत्री अरुण साव से लेकर प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव सहित अन्य नेताओं ने भी रायगढ़ पहुंचकर बीजेपी पक्ष महौल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, इस तरह से छठवी बार बीजेपी जीतने की जुगत लगा रही है, जिसमें लीड 3 लाख से अधिक वोट से जीतने की जुगत लगा रही है।
मेनका के लिए उमेश और उत्तरी ने जोर लगाया
लोकसभा प्रत्याशी डॉ. मेनका सिंह के लिए लोकसभा चुनाव संसाधनों से कमजोर हो मैदान में हैं । हालांकि मेनका की बहन पुष्पा देवी रायगढ़ लोकसभा की तीन बार सांसद थी, एक कमला देवी सरिया से विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री
बनी थी।
मेनका का पूरा परिवार चुनावी मैदान में है, उनके प्रचार के लिए उतरा हुआ है। मेनका स्वयं सारंगढ़ की है, वहां की कांग्रेसी विधायक उत्तरी जांगड़े अपनी पूरी ताकत लगा दी है और वहां से कांग्रेस को अधिक लीड मिलने की उम्मीद है, वहां से बीजेपी कमजोर है। इसी तरह खरसिया से पूर्व मंत्री और विधायक उमेश पटेल में मेनका को लीड दिलाने के लिए पूरी ताकत लगा रखे है। मशक्कत के साथ लड रहे है, हालांकि पत्थलगांव सीट में 50 हजार से अधिक वोट मिशनरी का है। वहां भी वोट कांग्रेस के पक्ष में जाने की बात कही जा रही है, लेकिन वहां पर पूर्व सांसद गोमती साय बीजेपी को बढ़त मिले इस पर जोर लगा रही है।
रायगढ़ में कांग्रेसियों के लिए काफी बड़ा गड्ढा
पूरे लोकसभा में रायगढ़ विधानसभा सीट में कांग्रेस के लिए बड़ा गड्ढा है, इसमें 64,443 वोटो से ओपी चौधरी ने जीत हासिल की है । लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए इतने बड़े गड्ढे को पाटना आसान नहीं होगा। पूर्व विधायक प्रकाश नायक भी सक्रीय राजनीति से गायब है, संगठन और नेताओं के बीच में आपसी सामंजस्य की भी कमी दिखाई पड़ रही है। शहर में कांग्रेसी मेयर, सभापति और ज्यादा पार्षद होंने के बाद भी कांग्रेसियो का जनसंपर्क रायगढ़ में फीका नजर आया । ऐसे में विधानसभा के जैसे ही लोकसभा में भी कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
धरमजयगढ़ में लालजीत एक्टिव नही, लैलूंगा बीजेपी मजबूत
इधर बीजेपी प्रत्याशी राधेश्याम राठिया को खुद धरमजयगढ़ विधानसभा से है, वहां पर बीजेपी काफी मजबूती के साथ जनसंपर्क में जुटी हुई है। विधायक लालजीत राठिया कांग्रेस के पक्ष में जनसंपर्क जनसंपर्क + की कोई खबर या जानकारी पूरे चुनावी समर में सामने नहीं आई है, उनकी चुप्पी भी मेनका के लिए नुकसान साबित कर रही है। वही लैलूंगा विधानसभा से कुछ दिनों पहले बीजेपी ने यहां से जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह को राज्यसभा सांसद बनाया है इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा।
वहां पर बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री सत्यानंद राठिया के साथ सारे बीजेपी के बड़े नेता एकजुट होकर धूंआधार जनसंपर्क में लगे हुए है। विधानसभा चुनाव यह कमी दिखी थी ।
लैलूंगा विधायक विद्यावति सिदार का कोई धुआधार जनसंपर्क देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मेनका और राजपरिवार कई जगहों अकेला पड़ता हुआ दिखाई पड़ रहा है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी कुछ दिनों पहले रायगढ़ और जशपुर में चुनावी सभा लिया था, लेकिन वह कांग्रेस के पक्ष महौल नहीं बना पाए। इस तरह मतदान से पहले चुनावी शोरगुल शांत हो गया।
मतदान की प्रतिशत को बढ़ाने को लेकर तमाम कोशिशें
वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर प्रशासन और निगम तरह तरह प्रयास कर रही है। जिसमें बुजुर्गो और दिव्यांग को पोलिंग केंद्र तक ले जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था करने के साथ पोलिंग बूथ में टेंट लगाने पीने के पानी, ओआरएस की व्यवस्था जैसे कई सुविधा प्रदान की जा रही है।
वोटरों को प्रेरित करने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में संगवारी, दिव्यांग एवं युवा मतदान केंद्र बनाए गए हैं। वहीं वोट देने के बाद निशान दिखाने पर 5 से 15 प्रतिशत तक दर्जनों व्यापारिक संस्थानों ने छूट देने की घोषणा की है। वहीं सामाजिक संस्थाओं ने भी कई तरह के जागरूक्ता कार्यक्रम कर वोट डालने की अपील की जा रही है।