महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर भले ही अजित पवार ने शपथ ग्रहण कर ली हो, लेकिन अब तक साफ नहीं है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कितने विधायक उनके समर्थन में हैं। खबर है कि शपथ ग्रहण के अगले ही दिन अजित के साथ मौजूद रहे कुछ विधायकों ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि राजभवन में मौजूद कई विधायकों को शपथ ग्रहण के बारे में जानकारी नहीं थी।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विधायक दौलत दरोदा और मकरंद पाटिल जल्दी शरद पवार कैंप में वापसी कर सकते हैं। हालांकि, दोनों ने नेताओं ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। एक ओर जहां दरोदा का कहना है कि उन्हें बैठक के लिए राजभवन बुलाया गया था, जहां कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर लिए गए। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सीनियर पवार के लिए समर्थन जाहिर किया और कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली सरकार में हिस्सा नहीं बनेंगे।
इधर, पाटिल सोमवार को कराड में सीनियर पवार के साथ नजर आए। दरअसल, कहा जा रहा है कि शरद पवार ने बगावत के एक दिन बाद ही शक्ति प्रदर्शन किया और सतारा में जनता को संबोधित किया था। वह यशवंतराव चव्हाण के स्मृति स्थल भी पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि यहां मौजूद पाटिल भी पवार के साथ बैठक कार में निकल गए।
किसके साथ कितना बल
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अजित ने 40 विधायकों के समर्थन की बात कही है और राज्यपाल रमेश बैस को एक सूची भी सौंप दी है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि वह भारत निर्वाचन आयोग यानी ECI में एनसीपी पर दावा पेश करने की पूरी तैयारी भी कर चुके हैं। रविवार को एनसीपी से आए 8 और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।
इधर, महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल अधिकांश विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने बीती रात विधानसभा स्पीकर को पत्र भेजा है। हमने उनसे हमारी बात सुने जाने का अनुरोध किया है। विधानसभा में हमारी पार्टी की क्षमता 53 पर है, जिसमें से 9 ने दल बदल कर लिया है। बाकी सभी हमारे साथ हैं। हम उन्हें वापस आने का एक मौका देंगे, लेकिन जो वापस नहीं आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’