इस मानसून में पेड़ लगाने के साथ उसे जीवित रखने का लक्ष्य लेकर चलेगा अभियान
चार ब्लॉक में जापानी मियाबाकी तकनीक से बनेंगे ऑक्सीजोन
वृक्षमाला योजना से 12.5 एकड़ नदी तट पर भी लगेंगे पौधे
फलदार और मिश्रित पौधों का होगा रोपण
रायगढ़, 30 अप्रैल 2023/ जिले में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के पहल पर पेड़ लगाने के साथ उसे जीवित रखने का लक्ष्य लेकर इस मानसून एक वृहत अभियान शुरू होने जा रहा है। जिसमें करीब 500 एकड़ क्षेत्रफल में पौधे रोपे जायेंगे। इसके लिए सभी संबंधित विभागों ने तैयारी शुरू कर दी है।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने जिले में अपनी पदस्थापना के बाद से ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया था। इससे जुड़े सभी विभागों की बैठक लेकर उन्होंने एक इंटीग्रेटेड कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। समय-समय पर उसकी मॉनिटरिंग भी की। वन तथा उद्यानिकी विभाग को पौधे तैयार करने के लिए कहा गया। इस अभियान में मनरेगा एवं डी.एम.एफ.मद से वृक्षारोपण का कार्य किये जाने हेतु विभिन्न परियोजना बनायी गई है। नदी तटों, नहर किनारे, ब्लॉक प्लांटेशन, सड़क किनारे वृक्षारोपण, अमृत सरोवरों के किनारे वृक्षारोपण आदि कार्य विभिन्न एजेंसियों एवं सी.एल.एफ.समूहों के माध्यम से की जायेगी। अभियान में विभागीय वृक्षारोपण के साथ मियाबाकी तकनीक से बागान तैयार करना और नदी तट वृक्षमाला योजना के तहत प्लांटेशन की कार्ययोजना बनाई गई है।
300 एकड़ भूमि में लगेंगे 3.33 लाख पौधे
वृहत वृक्षारोपण परियोजना के अंतर्गत आगामी मानसून सत्र में वृहत रूप से फलदार एवं छायादार पौधों का रोपण किया जायेगा। इस हेतु जिले के घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, खरसिया एवं धरमजयगढ़ जनपद में 300 एकड़ की भूमि चिन्हांकित की गयी है। उक्त भूमि में लगभग 3.33 लाख पौधों का रोपण किया जायेगा। यह वृहत वृक्षारोपण कार्य शासन के विभिन्न विभागों जैसे-उद्यान विभाग, रेशम एवं वन विभाग के द्वारा सम्मिलित रूप से किया जायेगा। रेशम विभाग द्वारा 3 लाख 7 हजार 500 अर्जुन पौधे, उद्यान विभाग द्वारा 5 हजार 817 फलदार पौधे एवं वनविभाग द्वारा 20 हजार मिश्रित पौधों का रोपण किया जायेगा।
मियाबांकी पद्धति से चार ब्लॉक में ऑक्सीजोन होंगे तैयार
मियाबांकी (ऑक्सीजोन वृक्षारोपण)परियोजना के अंतर्गत जिले के 04 जनपद पुसौर, खरसिया, रायगढ़ एवं तमनार में ऑक्सीजोन का निर्माण किया जा रहा है। मियाबांकी पद्धति वृक्षारोपण की एक जापानी विधि है। इस विधि के प्रयोग से खाली पड़ी भूमि को छोटे बागानों या जंगलों में बदला जा सकता है। मियाबांकी पद्धति में पौधे तीन वर्ष की देख-भाल के पश्चात पौधे आत्मनिर्भर हो जाते हैं। इस पद्धति से वृक्षारोपण किये जाने हेतु जनपदों में 03-03 एकड़ की भूमि चिन्हित की गई हैए जिसमें प्रति 03 एकड़ 37 हजार 500 पौधों का रोपण किया जायेगा। इस प्रकार पूरे जिले में लगभग 1.50 लाख काजूए चेरी इत्यादि पौधों का रोपण मियाबाकी पद्धति से किया जाएगा।
बढ़ेगी हरियाली, बनेंगे आय के साधन
नदीतट संरक्षण वृक्षमाला योजना केन्द्र सरकार के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत लागू की गई है। इस योजना के तहत रायगढ़ जिले में 12.5 एकड़ की भूमि पर सघन वृक्षारोपण का कार्य किया जायेगा। इस योजना का उद्देश्य नदी की धारा का 12 माह प्रवाह बनाये रखना एवं धारा प्रवाह से मृदा जल तालिका को पुनर्जीवित करना है, जिससे क्षेत्र में हरियाली बढ़े। वृक्षमाला अभियान का लक्ष्य बढ़ते हुये तापमान को कम करना और आस-पास के क्षेत्रों के लिये स्थायी आजीविका प्रदाय करना है, जिस हेतु कलेक्टर श्री सिन्हा ने रायगढ़ जिले की जीवनदायिनी केलो एवं माण्ड नदी के किनारे सर्वे कर उपयुक्त भूमि चिन्हांकित कर परियोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए है।