रायगढ़। जिले में पदस्थापना के साथ ही कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसकी शुरुआत आज उन्होंने मेडिकल कॉलेज और मातृ शिशु चिकित्सालय के औचक निरीक्षण से की। कलेक्टर श्री सिन्हा ने यहां मेडिकल कॉलेज प्रबंधन तथा जिला स्वास्थ्य विभाग से कहा कि हमें जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मुहैय्या करानी है। इसके लिए सभी को एक टीम की तरह मिलकर कार्य करना होगा। जिससे सुविधाएं बेहतर हो तथा आमजनों को उसका लाभ मिले।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने आज स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। सीईओ जिला पंचायत श्री अबिनाश मिश्रा भी साथ रहे। कलेक्टर श्री सिन्हा ने मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग में विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया और मेडिकल कॉलेज सुपरिटेंडेंट डॉ मिंज से अस्पताल संचालन से जुड़ी मैन पावर तथा संसाधनों के साथ दूसरी तमाम जानकारी विस्तार से ली। यहां पुलिस विभाग द्वारा सहायता केन्द्र खोला गया है, उसमें नियमित रूप से जवानों की तैनाती के निर्देश उन्होंने एडिशनल एसपी को दिए। उन्होंने अस्पताल में पानी की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के साथ मैन पावर तथा तकनीकी स्टॉफ की उपलब्धता की जानकारी लेते हुए मेडिकल कालेज प्रबंधन तथा जिला स्वास्थ्य विभाग को जरूरी भर्तियों के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। जिससे भर्ती कार्यवाही आगे बढ़ायी जा सके। उन्होंने अगले सप्ताह स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक लेकर आगे की कार्ययोजना तैयार करने की बात कही।
इस दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ.मनोज मिंज, डॉ.लकड़ा, सीएमएचओ डॉ.मधुलिका सिंह ठाकुर, ईई पीडब्ल्यूडी श्री आर.के.खाम्बरा सहित मेडिकल कालेज प्रबंधन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
परिसर में बनेगा परिजन निवास
मेडिकल कालेज अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज इलाज कराने पहुंचते है जिनके देखरेख के लिए परिजन भी साथ होते है। उनके ठहरने तथा भोजन की व्यवस्था के संबंध में कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि अस्पताल परिसर में परिजन निवास, किचन शेड तथा सुलभ शौचालय बनवाया जाएगा, इसके लिए उन्होंने प्रस्ताव तैयार कर जल्द देने के निर्देश दिए।
पोषण पुनर्वास केन्द्रों के सभी बेड भरे होने चाहिए
कलेक्टर श्री सिन्हा ने मेडिकल कालेज अस्पताल के पश्चात मातृ एवं शिशु चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने सभी फ्लोर पर जाकर व्यवस्थाओं को देखा तथा प्रतिदिन अस्पताल में आने वाले मरीज तथा प्रसव के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र का भी जायजा लिया। यहां बच्चों को दी जाने वाली खुराक तथा अन्य सुविधाओं की जानकारी स्टॉफ से ली। उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्द्र में सभी बेड भरे होने चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग आपस में समन्वय से कार्य करें। जिससे कुपोषित बच्चों को उचित उपचार की सुविधा मिल सके।