रायगढ़ टॉप न्यूज 14 जनवरी। सख्त नियमों के बावजूद उद्योग प्रबंधन फ्लाई एश का निराकरण सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। कहीं भी एनएच किनारे तो कभी जल स्रोतों के किनारे एश डाल दिया जाता है। पर्यावरण विभाग मौके पर जांच भी करता है लेकिन डंप करने वाले उद्योग पर कार्रवाई नहीं हो पाती। जांच के दौरान पर्यावरण अधिकारी ने चिरईपानी में नाले किनारे फ्लाई एश डालते हुए ट्रक व जेसीबी को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि गाड़ी बीएस स्पंज की थी। इस पर कार्रवाई करते हुए कंपनी पर तीन लाख का जुर्माना लगाया गया है।
उद्योगों से उत्सर्जित फ्लाईएश का पूरा निराकरण करना बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। कोई भी उद्योग उत्सर्जित एश का पूरा यूटीलाइजेशन नहीं कर पा रहा है। यही कारण है कि एनएच किनारे जहां-तहां फ्लाईएश डाला गया है। पर्यावरण विभाग ने ऐसे ही अवैध डंपिंग पर कार्रवाई की है। चिरईपानी में नाले के समीप ट्रक सीजी 04 जेई 0264 एवं जेसीबी वाहन क्रमांक सीजी 13 एएस 9628 को पकड़ा गया। ट्रक में फ्लाई एश लाकर डाला जा रहा था। डंपिंग की अनुमति पर्यावरण विभाग से नहीं ली गई थी।
जांच में पता चलाकि बीएस स्पंज प्रालि तराईमाल से एश लाकर डाला जा रहा था। इस दिनों से यह काम चल रहा था जिसके कारण उक्त जगह पर सैकड़ों टन फ्लाई एश खुले में डाल दिया गया। एनजीटी के आदेश पर एश अवैध डंपिंग करने वाले उद्योग पर जुर्माना लगाने का फार्मूला तय किया गया है। उसी के अनुसार पर्यावरण विभाग ने बीएस स्पंज पर तीन लाख रुपए का जुर्माना किया। इसका नोटिस उद्योग को भेजा गया है।
15 दिन के अंदर जमा करनी है राशि
बीएस स्पंज को नोटिस देकर 15 दिनों के अंदर क्षतिपूर्ति राशि जमा करने का आदेश दिया गया है। ऐसा न करने पर उद्योग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पूंजीपथरा, तराईमाल, गेरवानी क्षेत्र में कई उद्योगों ने फ्लाईएश की अवैध डंपिंग की है। एनएच किनारे ही सैकड़ों टन एश बिखरा हुआ है।