Raigarh News: रायगढ़ के जंगल में बाघ के पदचिह्न, 3 दिन से कर रहे ट्रैकिंग , वन विभाग की तलाश जारी

रायगढ़। रायगढ़ जिले के छाल रेंज में बाघ के पैरों के निशान मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। पिछले तीन दिनों से वन विभाग की टीम लगातार बाघ की तलाश में ट्रैकिंग कर रही है, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। आशंका जताई जा रही है कि बाघ पहाड़ के रास्ते आगे निकल गया है।
क्या है पूरा मामला?
धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज के हाटी, पुरूंगा और सामरसिंघा गांवों में कई जगह बाघ के पदचिह्न देखे गए। ये निशान तेंदुए के निशानों से बड़े हैं, इसलिए विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। 29 जुलाई से वन विभाग की टीम सुबह से शाम तक इन इलाकों में ट्रैकिंग कर रही है। हालांकि, पहले दिन के बाद से कोई नए निशान नहीं मिले हैं।
वन विभाग का मानना है कि चूंकि जंगल से सटा हुआ माया पहाड़ पथरीला है, इसलिए अगर बाघ उस ओर गया होगा तो वहां उसके पदचिह्न मिलना मुश्किल है। विभाग की टीम उस इलाके में भी तलाशी कर रही है।
गांवों में मुनादी और सतर्कता
बाघ के होने की पुष्टि के बाद आसपास के गाँवों जैसे सामरसिंघा, गेरवानी, किदा, खर्रा, गंजईपाली और गलीमार में डर का माहौल है। वन विभाग ने हाथी के साथ-साथ बाघ को लेकर भी मुनादी करवाकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ग्रामीणों से कहा गया है कि अगर उन्हें बाघ से जुड़ी कोई भी जानकारी मिले तो तुरंत विभाग को सूचित करें।
ट्रैप कैमरे और शिकार पर नजर
वन विभाग ने दो टीमें बनाई हैं, जिनमें हाथी मित्र दल के सदस्य, वनकर्मी और ग्रामीण शामिल हैं। इसके अलावा, 10-12 ट्रैप कैमरे भी तैयार रखे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि अगर कहीं किसी मवेशी या जानवर के शिकार की सूचना मिलती है तो वहां ट्रैप कैमरा लगाया जाएगा ताकि बाघ की पहचान की जा सके। फिलहाल, अभी तक किसी भी शिकार की कोई जानकारी नहीं मिली है।
वन विभाग के अधिकारी चंद्रविजय सिंह सिदार ने बताया कि पूरी रेंज और आसपास के अन्य रेंजों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।






