लोकसभा में छत्तीसगढ़ के बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा गूंजा,सांसद बृजमोहन ने ठोस कार्यवाही की मांग की

नई दिल्ली/रायपुर, 19 अगस्त। रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने आज लोकसभा में छत्तीसगढ़ में बढ़ते प्रदूषण के गंभीर विषय को प्रमुखता से उठाया।
उन्होंने नियम 377 के अंतर्गत केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रदेश में लगातार बिगड़ती पर्यावरणीय स्थिति से अवगत कराते हुए ठोस एवं त्वरित कार्यवाही का आग्रह किया।
अपने संबोधन में अग्रवाल ने कहा कि देशभर में 131 नॉन-अटेन्मेंट सिटीज़ (जहाँ प्रदूषण मानक निर्धारित स्तर से अधिक है) में से अकेले छत्तीसगढ़ के तीन शहर रायपुर, कोरबा और भिलाई शामिल हैं। इसके अतिरिक्त रायगढ़ और जांजगीर-चांपा की स्थिति भी चिंताजनक है।
उन्होंने बताया कि रायपुर के बाहरी क्षेत्र सिलतरा, उरला और बोरझरा भारी उद्योगों के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हुए हैं, जिसके कारण यहाँ वायु एवं जल प्रदूषण का स्तर असामान्य रूप से बढ़ा है। इसका स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य एवं आजीविका पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
सांसद ने सदन में कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस विषय की गंभीरता को देखते हुए नागपुर स्थित नीरी (NEERI) से रायपुर के 142 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का व्यापक अध्ययन कराया था। उन्होंने मांग की कि इस रिपोर्ट की प्रति को सार्वजनिक किया जाए तथा रिपोर्ट में सुझाई गई अनुशंसाओं के आधार पर अब तक की गई कार्यवाही का विवरण साझा किया जाए।















उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पूरे राज्य का इसी तरह का एक और विस्तृत अध्ययन कराया जाए ताकि वर्ष 2025 तक के पर्यावरणीय मानकों की स्पष्ट स्थिति सामने आ सके। साथ ही प्रदेश में जैविक प्रजातियों के प्रत्यारोपण एवं संवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे जल-जंगल-जमीन और हवा शुद्ध हो सके तथा किसानों को गैर-प्रदूषित भूमि उपलब्ध हो पाए और कृषि व बागवानी उत्पादन में वृद्धि हो।
श्री अग्रवाल ने पर्यावरण मंत्री से आग्रह किया कि इस संबंध में हस्तक्षेप कर प्रभावी कदम उठाएँ, ताकि छत्तीसगढ़ की जनता स्वच्छ हवा में सांस ले सके और उसको साफ पीने का पानी उपलब्ध हो सके।