एयर इंडिया के क्रैश हुए विमान का DVR बताएगा हादसे की असली वजह, जानें क्या होती है ये डिवाइस

DVR: दुर्घटना का शिकार हुई एयर इंडिया के विमान के मलबे से DVR बरामद हो गया है। यह प्लेन क्रैश होने की असली वजह का पता लगाने में जांच एजेंसियों की मदद करेगा। अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद लंदन जा रही एयर इंडिया की बोइंग ड्रीमलाइनर विमान का मलबा जिला अस्पताल के पास गिरा है। इस हादसे की जांच कर रही ATS की टीम के एक अधिकारी को विमान में मौजूद DVR मिला है। यह इस हादसे की जांच को तेजी से आगे बढ़ाने का काम करेगा।
अहमदाबाद विमान हादसे में अब तक कुल 297 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, रिहायशी इलाके में प्लेन क्रैश होने की वजह से 56 अन्य लोगों की भी जान चली गई है। इस दर्दनाक हादसे की जांच के लिए हाई लेवल टीम गठित कर दी गई है। इससे पहले इस फ्लाइट का ब्लैक बॉक्स भी बरामद किया जा चुका है।
क्या होता है DVR?
DVR जिसे हम डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर भी कहते हैं। यह एक ऐसा डिवाइस होता है, जो एयरक्राफ्ट में सिक्योरिटी के लिए लगाया जाता है। फ्लाइट में मौजूद सीसीटीवी कैमरे की फुटेज इसमें रिकॉर्ड होती है। फ्लाइट के लिए डिजाइन किए गए DVR को आम डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर के मुकाबले मजबूत बनाया जाता है, जो खराब वातावरण में भी लंबे समय तक रिकॉर्डिंग करने में सक्षम होता है। फ्लाइट के रिव्यू के बाद DVR के डेटा को रिमूव भी किया जा सकता है।
कैसे काम करता है DVR?
DVR एक स्टोरेज डिवाइस की तरह काम करता है, जिसमें हार्ड ड्राइव लगा रहता है। यह हार्ड ड्राइव लोकल स्टोरेज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। फ्लाइट के सभी CCTV कैमरे की फुटेज इसमें स्टोर होती है। फ्लाइट के कॉक-पिट से लेकर पैसेंजर केबिन, एंट्री-एग्जिट गेट्स, इमरजेंसी गेट्स में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज इसमें स्टोर होती है।
यह डिवाइस पूरी तरह सुरक्षित होता है क्योंकि सीसीटीवी कैमरों की एनालॉग वीडियो सिग्नल को इसमें डिजिटल रूप से एनकोड किया जा सकता है। सुरक्षा में इस्तेमाल किए जाने वाले ज्यादातर DVR कैमरा रिकॉर्डर सिग्नल को एनकोड करता है। जरूरत पड़ने पर इसमें स्टोर किए गए फुटेज को डिकोड किया जाता है। प्लेन क्रैश होने के बाद DVR में रिकॉर्ड हुए फुटेज को एनालाइज किया जाएगा, जिससे प्लेन क्रैश होने की असली वजह का पता लग सकता है।