लाइव सर्जरी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती! अब न होगा ब्रांडिंग का खेल, NMC के नए नियमों से बदलेगा पूरा सिस्टम
मरीजों की सहमति, गोपनीयता और सुरक्षा के नाम पर अब डॉक्टर और अस्पतालों की ब्रांडिंग पर लगेगा ब्रेक, सुप्रीम कोर्ट की नजर में NMC की सख्त गाइडलाइंस

नई दिल्ली।भारत में पहली बार लाइव सर्जरी को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। अब कोई भी अस्पताल या डॉक्टर मनमर्जी से ऑपरेशन को लाइव नहीं दिखा सकेगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने 26 जुलाई 2025 को इस पर सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं। ये फैसला सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका के बाद लिया गया, जिसमें आरोप था कि निजी अस्पताल मरीजों को मॉडल बना रहे हैं—ब्रांडिंग, प्रमोशन और मुनाफाखोरी के लिए।
क्या था मामला?
जनहित याचिका में दावा किया गया कि कुछ निजी अस्पताल बिना पूरी जानकारी दिए मरीजों को लाइव सर्जरी में शामिल कर रहे हैं। याचिकाकर्ता राहिल चौधरी ने कोर्ट में कहा कि लाइव सर्जरी के नाम पर मरीजों का व्यावसायिक शोषण हो रहा है, जहां डॉक्टर, अस्पताल और कंपनियां अपने हित साधते हैं और मरीजों की सुरक्षा व गोपनीयता को नजरअंदाज किया जाता है।
अब क्या बदलेगा? पढ़िए NMC की नई गाइडलाइंस की खास बातें –
लाइव सर्जरी से पहले मंजूरी जरूरी
अब अस्पतालों को राज्य मेडिकल काउंसिल या संस्था प्रमुख से पहले अनुमति लेनी होगी।
विदेशी डॉक्टरों को भी मंजूरी अनिवार्य
भारत में सर्जरी करने से पहले NMC और विशेषज्ञ पैनल से मंजूरी लेनी होगी।
मरीज की समझदारी वाली सहमति जरूरी
मरीज को पहले से बताया जाएगा कि सर्जरी लाइव होगी। वो कभी भी सहमति वापस ले सकता है।
पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
ब्रांडिंग और प्रचार पर रोक
डॉक्टर, अस्पताल या मेडिकल कंपनी प्रोडक्ट प्रमोशन नहीं कर सकेंगे। अगर किसी उपकरण में डॉक्टर का वित्तीय हित है, तो उसका उपयोग प्रतिबंधित होगा।







कैमरा चलेगा, संवाद नहीं
सर्जरी के समय डॉक्टर को दर्शकों से बातचीत की इजाजत नहीं होगी, जिससे ध्यान मरीज पर ही केंद्रित रहेगा। जरूरत पड़ने पर एक कमेंटेटर गाइड करेगा।
कोई लालच नहीं, सिर्फ इलाज
मरीज को किसी भी लालच में नहीं फंसाया जाएगा।
इंश्योरेंस कवर दिया जा सकता है, और अगर कुछ गलत हुआ तो इलाज मुफ्त किया जाएगा।
हर स्तर पर तैयारी अनिवार्य
OT में सभी उपकरण और एक्सपर्ट मौजूद होने चाहिए।
अगर तकनीकी सेटअप ठीक न हो, तो लाइव की जगह रिकॉर्डिंग ही दिखाई जाएगी।
डॉक्टर क्या कहते हैं?
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि लाइव सर्जरी छात्रों के लिए शिक्षाप्रद होती है, लेकिन NMC का कहना है कि इसके लिए रिकॉर्डेड वीडियो, कैडेवरिक ट्रेनिंग और सिमुलेशन लैब्स ज्यादा सुरक्षित विकल्प हैं।
लाइव सर्जरी का युग अब बंधनों में होगा। NMC के नए नियमों से यह तय होगा कि अब किसी मरीज का इस्तेमाल शो-पीस की तरह नहीं किया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और NMC की तैयारी से मरीज की गरिमा और सुरक्षा को अब मिलेगा असली सम्मान।