छत्तीसगढ़

CG BIG News: टिन की पेटी में मिले शव का सनसनीखेज खुलासा, वकील और उसकी पत्नी सहित चार गिरफ्तार, क्लाइंट की हत्या, 30 लाख की रकम और बार-बार पैसों की मांग बनी हत्या की वजह

रायपुर। थाना डी.डी.नगर पुलिस ने एक सनसनीखेज हत्या का खुलासा करते हुए, ग्राहक किशोर पैकरा की हत्या के आरोप में एक वकील अंकित उपाध्याय, उसकी पत्नी शिवानी शर्मा और दो अन्य सहयोगियों (विनय यदु और सूर्यकांत यदु) सहित कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है। यह हत्या इंद्रप्रस्थ कॉलोनी स्थित एक किराए के मकान में की गई थी। आरोपियों ने साक्ष्य छिपाने के लिए शव पर सीमेंट डालकर उसे ट्राली बैग और टिन की पेटी में रखकर एक सुनसान जगह पर फेंक दिया था। अंकित उपाध्याय और उसकी पत्नी शिवानी शर्मा घटना को अंजाम देने के बाद दिल्ली फरार हो गए थे, जिन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट से उतरते ही गिरफ्तार कर लिया गया।

कैसे हुआ खुलासा: सुनसान जगह पर मिली टिन की पेटी में शव
23 जून, 2025 को डी.डी.नगर थाना क्षेत्रांतर्गत इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, रायपुरा स्थित वंडरलैंड वाटर पार्क के पीछे डिपरापारा नाला के पास रोड किनारे एक लावारिस टिन की पेटी मिली, जिससे बदबू आ रही थी। एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और डी.डी.नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर देखा कि टिन की पेटी के अंदर एक लाल रंग के सूटकेस में एक अज्ञात पुरुष का शव रखा है, जिस पर सीमेंट डाला गया था और दोनों पैर बंधे हुए थे। पुलिस ने तुरंत मर्ग कायम कर जांच शुरू की।

पुलिस की विशेष टीम और सघन जांच
पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज, अमरेश मिश्रा और पुलिस उप महानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने इस अंधे कत्ल को गंभीरता से लिया। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम दौलत राम पोर्ते, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम संदीप मित्तल, उप पुलिस अधीक्षक क्राइम संजय सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती राजेश देवांगन, प्रभारी निरीक्षक परेश पांडे (एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट) और थाना प्रभारी डी.डी.नगर निरीक्षक एस.एन.सिंह को तत्काल मृतक की पहचान करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए 5 अलग-अलग टीमें गठित की गईं। टीमों ने घटनास्थल को सुरक्षित कर फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड की मदद से बारीकी से जांच शुरू की। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और मुखबिर लगाए गए।

आरोपियों तक कैसे पहुंची पुलिस?
संदिग्ध वाहन: मुखबिर से जानकारी मिली कि इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के डी ब्लॉक से एक अल्टो कार में 3 पुरुष और 1 महिला एक बड़ी पेटी ले गए हैं। सीसीटीवी फुटेज से इसकी पुष्टि हुई और वाहन का नंबर मिला। वाहन मालिक ने बताया कि उसने यह कार 1 महीने पहले अंकित उपाध्याय को बेची थी।

टिन की पेटी का सुराग: घटनास्थल पर मिली टिन की पेटी शब्बीर स्टील ट्रंक फैक्ट्री से खरीदी गई थी। दुकानदार ने बताया कि 22 जून, 2025 को एक पुरुष और एक महिला ने पेटी खरीदी थी और ऑनलाइन भुगतान किया था।
ऑनलाइन भुगतान और किराये का कमरा: साइबर सेल की मदद से ऑनलाइन भुगतान के खाते की जानकारी मिली, जिससे शिवानी शर्मा का नाम सामने आया। ऑटो चालक ने बताया कि उसने पेटी को इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के रूम नंबर डी/321 में छोड़ा था। मकान मालिक ने बताया कि यह कमरा एक सप्ताह पहले ही अंकित उपाध्याय और शिवानी शर्मा को किराए पर दिया गया था।

दिल्ली एयरपोर्ट पर दबोचे गए हत्यारे दंपति
सभी सबूतों और तकनीकी विश्लेषण के बाद अंकित उपाध्याय और शिवानी शर्मा की पहचान पति-पत्नी के रूप में हुई। पता चला कि वे घटना के बाद पुलिस से बचने के लिए दिल्ली भाग गए थे। रायपुर एयरपोर्ट से जानकारी मिली कि वे 23 जून, 2025 को रात लगभग 9:40 बजे की दिल्ली की फ्लाइट (नंबर 6C5347) से फरार हुए थे। तत्काल पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने दिल्ली एयरपोर्ट अधिकारियों को सूचना दी। फ्लाइट के दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करते ही दोनों आरोपियों को सुरक्षा अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया। रायपुर क्राइम ब्रांच की टीम तुरंत दिल्ली रवाना हुई और आरोपियों को अपनी अभिरक्षा में ले लिया।

हत्या का कारण: ₹30 लाख की रकम और बार-बार पैसों की मांग
पूछताछ में आरोपी अंकित उपाध्याय ने बताया कि वह पेशे से वकील है और जमीन-मकान खरीदने-बेचने का काम करता है। मृतक किशोर पैकरा (58 वर्ष, निवासी हांडीपारा, आजाद चौक) उसका क्लाइंट था। किशोर पैकरा ने 2015-16 में अपना मकान 50 लाख रुपये में बेच दिया था, लेकिन क्रेता को कब्जा नहीं दिया था और न्यायालय में उसके खिलाफ आवेदन दिया था। अंकित उपाध्याय ने किशोर पैकरा को भरोसा दिलाया था कि वह हाईकोर्ट से उसका मकान वापस दिला देगा। इस एवज में वह किशोर पैकरा से अलग-अलग किश्तों में पैसे लेता रहा।

इसके अलावा, अंकित उपाध्याय ने किशोर पैकरा के बजरंग नगर वाले मकान को ₹30 लाख में किसी और को बेच दिया था और उस रकम का उपयोग अपने निजी हित में कर लिया था। किशोर पैकरा बार-बार अंकित उपाध्याय से अपने पैसे वापस मांग रहा था, जिससे अंकित उपाध्याय परेशान हो गया था। उसने यह बात अपनी पत्नी शिवानी शर्मा को बताई और दोनों ने किशोर पैकरा की हत्या की योजना बनाई।

योजनाबद्ध तरीके से की हत्या और साक्ष्य मिटाने का प्रयास
फर्जी पहचान और वाहन: योजना के तहत, अंकित उपाध्याय ने स्वयं अपना फर्जी आधार कार्ड बनाया (जिसमें पता कोरबा का लिखा था) और इसी आधार पर धमतरी से एक पुरानी अल्टो कार (CG 04 B 7744) ₹60,000 में खरीदी।
किराए का मकान: 19 जून, 2025 को हत्या के लिए इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में एक किराए का मकान लिया।

हत्या का दिन (21 जून, 2025): सुबह अंकित उपाध्याय किशोर पैकरा को झूठ बोलकर (घर की सफाई का बहाना) इंद्रप्रस्थ कॉलोनी स्थित किराए के मकान (रूम नंबर डी/321) में ले गया। थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी शिवानी शर्मा भी वहां आ गई। सुबह करीब 10:00 बजे, अंकित उपाध्याय ने किशोर पैकरा की छाती पर बैठकर उसका गला दबाया, जबकि उसकी पत्नी ने उसके पैर पकड़े। इसी दौरान, अंकित उपाध्याय ने अपने पास रखे चाकू से भी मृतक के गले पर वार कर उसकी हत्या कर दी।

शव को ठिकाने लगाना: हत्या के बाद शव को रूम में छोड़कर दोनों अपने घर चले गए। शाम को वापस आकर खून साफ किया और शव को एक लाल रंग के ट्राली बैग में डालकर परफ्यूम स्प्रे किया। रात में दोनों ने गोलबाजार से एक टिन की पेटी का ऑर्डर दिया। अगले दिन (22 जून, 2025) सुबह, हत्या में इस्तेमाल चाकू और खून लगे तौलिए को प्लास्टिक बोरी में भरकर भाठागांव के पास नाले में फेंक दिया। दोपहर में खरीदी गई टिन की पेटी को ऑटो से किराए के कमरे में ले गए। शव से बदबू आने के कारण एक हार्डवेयर दुकान से सीमेंट खरीदकर लाए और शव के ऊपर डालकर ट्राली बैग को पेटी में बंद कर दिया।

सहयोगियों की मदद: 23 जून, 2025 की सुबह, शव से भरी पेटी को उठाने में विफल होने पर, दोनों ने अपने परिचित सूर्यकांत यदु और विनय यदु को मदद के लिए बुलाया। उन्हें घटना की जानकारी देने पर वे शव को ठिकाने लगाने में मदद करने को तैयार हो गए। चारों ने मिलकर सुबह 9:35 बजे चेहरे पर स्कार्फ बांधकर पेटी को अल्टो कार की डिक्की में रखा और सुनसान जगह पर ले जाकर छोड़ दिया। इसके बाद, अंकित उपाध्याय और विनय यदु ने अल्टो कार को डेंटिंग-पेंटिंग के लिए गैरेज में छोड़ दिया, जबकि शिवानी शर्मा और सूर्यकांत यदु अपने दोपहिया वाहनों से घर चले गए।

जब्त सामान और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त अल्टो कार (CG 04 B 7744), दोपहिया ईथर वाहन (CG 04 NY 0639), इलेक्ट्रिक जॉय दोपहिया वाहन और 5 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। आरोपियों के खिलाफ थाना डी.डी.नगर में अपराध क्रमांक 255/25 धारा 103(1), 238क, 61(2), 3(5) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय ने इस सफल कार्रवाई के लिए टीम को नकद इनाम देने की घोषणा की है।

गिरफ्तार आरोपी:
अंकित उपाध्याय पिता रमानिकेत उपाध्याय, उम्र 31 साल, निवासी मनजीत ग्रीन सिटी के पास, सत्यम विहार कॉलोनी, मकान नंबर 383, गली नंबर 04, रायपुरा, थाना डी.डी.नगर, रायपुर। (पेशे से वकील)
शिवानी शर्मा पति अंकित उपाध्याय, उम्र 24 साल, निवासी मनजीत ग्रीन सिटी के पास, सत्यम विहार कॉलोनी, मकान नंबर 383, गली नंबर 04, रायपुरा, थाना डी.डी.नगर, रायपुर।
विनय यदु पिता संतराम यदु, उम्र 23 साल, निवासी जनजागृति चौक, शिव शक्ति किराना स्टोर के पास, यादवपारा, रायपुरा, थाना डी.डी.नगर, रायपुर।
सूर्यकांत यदु पिता प्रेमनाथ यदु, उम्र 21 साल, निवासी कन्या छात्रावास के सामने, विसर्जन कुंड के पास, महादेव घाट, रायपुरा, थाना डी.डी.नगर, रायपुर।
फोरेंसिक टीम से डॉ. भास्कर बनर्जी, अंगेश कुमार मौर्य, अनंत राम सिदार और भरत कुमार छापटे तथा फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट उप पुलिस अधीक्षक अजय साहू ने घटनास्थल का निरीक्षण और साक्ष्य संकलन किया।

इस कार्रवाई में थाना प्रभारी डी.डी.नगर निरीक्षक एस.एन.सिंह, एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट से प्रभारी निरीक्षक परेश कुमार पाण्डेय, उपनिरीक्षक मुकेश सोरी, राजेंद्र सिंह कंवर, सउनि. प्रेमराज बारिक, अतुलेश राय, फूलचंद भगत, शंकर लाल ध्रुव, प्र.आर. गुरुदयाल सिंह, उपेंद्र यादव, अनुप मिश्रा, संतोष दुबे, कृपासिंधु पटेल, सुरेश देशमुख, घनश्याम प्रसाद साहू, म.प्र.आर. बसंती मौर्य, आर. प्रमोद बेहरा, पुरुषोत्तम सिन्हा, प्रशांत शुक्ला, हरजीत सिंह, किसलय मिश्रा, अजय चौधरी, महिपाल सिंह, भूपेंद्र मिश्रा, अविनाश देवांगन, अभिषेक तोमर, अमित वर्मा, नितेश सिंह राजपूत, अविनाश टंडन तथा थाना डी.डी.नगर से सउनि. अनंत बारिक, प्र.आर. अरुण तिवारी एवं म.आर. सरस्वती वर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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