रायगढ़ । पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशानुस अनुसंधानकर्ताओं के लिए प्रत्येक शनिवार को आयोजित होने वाली साप्ताहिक कार्यशाला के तहत 10 मई 2025 को “हत्या के प्रयास” और “गंभीर चोट” से जुड़े मामलों में अनुसंधान पर विशेष चर्चा की गई। इस अवसर पर निरीक्षक आर्शिवाद राहटगांवकर (थाना प्रभारी तमनार) एवं उप निरीक्षक गेंद लाल साहू (थाना चक्रधरनगर) ने पिछले वर्षों के ऐसे मामलों के न्यायालयीन निर्णयों का विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए बताया कि किस प्रकार प्रभावी विवेचना से आरोपियों को सजा हुई तथा कहां साक्ष्य के अभाव में आरोपी को न्यायालय से लाभ मिल गया।






कार्यशाला में हत्या के प्रयास संबंधी धाराओं के तहत विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन की बारीकियों, गवाहों के प्रभावी परीक्षण एवं माननीय उच्च न्यायालयों के दृष्टांतों की व्याख्या की गई। पुलिस अधीक्षक ने साक्ष्य संकलन के दौरान ई-साक्ष्य के उपयोग पर विशेष बल देते हुए निर्देशित किया कि घटनास्थल की जब्ती, गवाहों के बयान एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्रवाइयों की अनिवार्यतः वीडियोग्राफी की जाए, ताकि न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्य मजबूत और अविचलित रहें तथा अभियुक्तों को कठोर सजा दिलाई जा सके।
इस अहम कार्यशाला में राजपत्रित अधिकारी, मुख्यालय के सभी थाना प्रभारी एवं विवेचकगण उपस्थित रहे, वहीं तहसील स्तर के थाना व चौकी प्रभारियों ने अपने विवेचक दल के साथ वर्चुअल माध्यम से सहभागिता निभाई।
