रायगढ़। शहर के चांदनी चौक में सुर कला संगीत समिति के श्रद्धालुओं द्वारा इस बार भी 38 वें भव्य पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन विगत 14 जनवरी से किया जा रहा है। मुख्य यजमान हैं श्रद्धालु खगेश्वर थवाईत, श्रीमती वसुंधरा थवाईत, उमेश थवाईत, दिशा थवाईत, श्रीमती सुषमा थवाईत व व्यासपीठ पर विराजित हैं अंचल के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं महेश तिवारी बिलासपुर वाले जो निसदिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक अपने दिव्य प्रवचनों से श्रद्धालुओं को प्रतिदिन मुग्ध कर रहे हैं।
श्री हरि के लिए जरुरी है श्रद्धा – – व्यासपीठ पर विराजित अंचल के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं महेश तिवारी बिलासपुर वाले ने कथा प्रसंग के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र व नरसिंग अवतार की कथा का रसपान कराते हुए कहा कि प्रभु श्री हरि की लीला अनंत है वे अपने सच्चे भक्तों की हर भावना को समझते हैं साथ ही हर संकट के क्षण में पुकारने से अदृश्य रुप में साथ देकर कल्याण ही करते हैं। जब बालक ध्रुव ने अपनी तपस्या और भक्ति से प्रभु को पा लिया तो कोई भी अपनी श्रद्धा व भक्ति से उनको प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि इस नश्वर संसार में केवल प्रभु से ही प्रीति करें उनको प्रेम करने से जीवन का कल्याण होता है। इस तरह से पावन अमृतमयी कथा की धारा बह रही है जिसका रसपान भक्तगण कर रहे हैं।
आज कृष्णावतार कथा –
कथा प्रसंग के चौथे दिन आज शनिवार को कथा स्थल में जीवंत झांकियों के साथ श्री वामन अवतार, श्री रामावतार व श्री कृष्णावतार कथा की मनभावन प्रस्तुति होगी जिसे भव्यता देने में सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं। वहीं प्रतिदिन कथा स्थल में कथा का रसपान करने भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आयोजन को भव्यता देने में सुर संगीत कला समिति के सभी सदस्यगण जुटे हैं।