रायगढ़ :- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मार्गदर्शन में एम्स रायपुर द्वारा पहली बार ‘स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट’ के मामले में सफलता मिलने पर पूरी टीम को बधाई देते हुए रायगढ़ विधायक,वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस उपलब्धि को चिकित्सा के क्षेत्र में सफलता का बड़ा कदम निरूपित किया। सोशल मीडिया में इस जानकारी को साझा करते हुए वित्त मंत्री ओपी ने कहा एम्स रायपुर “स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट”करने वाला राज्य का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है व देश के नए एम्स संस्थानों में पहला अस्पताल है। उन्नत और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों के माध्यम से बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए हेतु पूरी टीम को बधाई भी दी है।इस सफलता पूर्वक ट्रांसप्लांट से किडनी से जुड़े रोगियों को प्रदेश में ही सुविधा मिल सकेगी।स्वैप ट्रांसप्लांट में, गुर्दे की विफलता से पीड़ित एक मरीज जिसके पास एक इच्छुक जीवित दाता है, लेकिन असंगत रक्त समूह या एचएलए एंटीबॉडी की उपस्थिति के कारण किडनी प्राप्त करने में असमर्थ है, फिर भी किसी अन्य असंगत जोड़ी के साथ दाताओं का आदान-प्रदान करके प्रत्यारोपण करवा सकता है। इस व्यवस्था के माध्यम से, दोनों प्राप्तकर्ताओं को संगत गुर्दे मिलते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दोनों जोड़ों के लिए सफल प्रत्यारोपण होता है। इस चुनौती से पार पाने के लिए एम्स रायपुर की प्रत्यारोपण टीम ने सफल स्वैप प्रत्यारोपण का समन्वय किया। एनओटीटीओ ने देश भर में इन प्रत्यारोपणों को अधिक प्रभावी ढंग से सुविधाजनक बनाने के लिए ‘एक समान एक राष्ट्र एक स्वैप प्रत्यारोपण कार्यक्रम’ शुरू करने योजना भी विचाराधीन है।एम्स रायपुर ने छत्तीसगढ़ में अंग प्रत्यारोपण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संस्थान ने सफलतापूर्वक गुर्दा प्रत्यारोपण कार्यक्रम विकसित किया है, जिसमें जीवित और मृत दाता दोनों प्रत्यारोपण शामिल हैं।एम्स रायपुर मृतक दाता अंगदान और मृतक दाता किडनी प्रत्यारोपण शुरू करने वाले नए एम्स में प्रथम है। यह राज्य में मृतक दाता बाल चिकित्सा किडनी प्रत्यारोपण शुरू करने वाला पहला संस्थान भी है। आज तक, संस्थान ने 54 किडनी प्रत्यारोपण किए हैं, जिसमें ग्राफ्ट सर्वाइवल दर 95 प्रतिशत और रोगी सर्वाइवल दर 97 प्रतिशत है, जो इसकी नैदानिक उत्कृष्टता और उच्च गुणवत्ता वाली रोगी देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
