रायगढ़। प्रेरणा के दमकते सूरज ख्यात पत्रकार साकेत पाण्डेय और वात्सल्यमयी माता दिव्या पाण्डेय ने नन्ही सी उम्र में ही अनंता को सांस्कृतिक आकाश का उजास प्रदान कर दिया था। 6 जून 2008 को जन्मी अनंता ने टिंकल स्टार स्कूल से लेकर कार्मेल स्कूल में अपने नृत्य कौशल का परिचय निरंतर देती रही। वे कार्मेल स्कूल कल्चरल ऐसोसिएशन की कैप्टन भी बनी। विरले बच्चों को यह गौरव मिलता है कि उनके प्रथम गुरू स्वयं माता और पिता हों। पश्चात वेस्टर्न डांस की शिक्षा गुरू मयंक श्रीवास्तव और कथक की तालीम युवा कलागुरू पं. शरद वैष्णव और श्रीमती पूजा जैन से प्राप्त की। शिक्षाविद अम्बिका वर्मा का कहना है कि हीरा है तो दमकेगा ही इस तथ्य को अनंता के नृत्य घुंघरूओं ने झनकार दी।
महज आठ वर्ष में रजवाड़ा होटल में आयोजित डांडिया नाइट्स में अनंता डांडिया क्वीन बनी और ट्रिनिटी होटल के विशिष्ट आयोजन में फिर से डांडिया क्वीन का खिताब अपने नाम किया। समय पंख लगाकर उड़ता गया और इधर अनंता पाण्डेय के घुंघरूओं ने देश के प्रतिष्ठित चक्रधर समारोह में तीन प्रस्तुतियां देकर अपने नृत्य कौशल के हीरे की दमक से, दर्शकों एवं समीक्षकों को मुग्ध कर दिया। अनंता इस अर्थ में अमित भाग्यशालिनी है कि अपने गुरु माता-पिता के अलावा भाई आंजनेय का भी मूल्यवान डांस सपोर्ट मिला और मिलता ही गया। 20 सितम्बर 2020 वह यादगार तारीख थी जब अनंता ने महज पांच बच्चों से रामलीला मैदान में “भवप्रीता डांस जुम्बा एण्ड योगा एकेडमी की आधारशिला रखी।
भाई आंजनेय के साथ जुड़कर इस एकेडमी को उन्होंने विस्तारित किया और आज 43 स्टुडेंट इस एकेडमी में दीक्षित हो रहे हैं। यह तथ्य भी महत्वपूर्ण है कि इस बीच अनंता का शैक्षणिक अध्ययन भी निर्वाध जारी रहा। नृत्य आँगन छत्तीसगढ़ का और नृत्य-गीत गुजरात का।एक अपूर्व सांस्कृतिक सहभागिता का साक्षी बना रायगढ़। देश के इन्द्रधनुषी नृत्य रंगों में चटख रंग वाला लोकनृत्य है गरबा। छत्तीसगढ़ की नृत्य निपुण बेटी अनंता ने गरबा के ताल-लय और कदमों को केलो महतारी के कलकल छलछल जल प्रवाह से मानो संयोजित कर दिया। पिछले तीन वर्षों से रामलीला मैदान में अपने पिता साकेत पाण्डेय के साथ सात दिवसीय डांडिया नाइट्स का वे आयोजन कर रही हैं।
पिछले वर्ष होटल पुष्पक में अग्र समाज के डांडिया प्रेमियों को, भाई आंजनेय के साथ गरबा का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि वे प्रत्येक नवरात्रि में 200 से 250 बच्चों को गरबा डांडिया नृत्य प्रशिक्षण दे रही है। यह अनंता द्वारा गर्वीला गरबा का गौरव विस्तार ही है।
सम्मानित हुए कथक के घुंघरू
कथक तारिका अनंता ने प्रदेश सहित देश के अनंक मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दी है और विविध सम्मानों से नवाजी गई हैं। इनमें शामिल है 2021 में कटक अनास नेशनल कथक नृत्य प्रतियोगिता, 2022 में जयपुर नेशनल डांस कॉम्पीटिशन में ज्यूरी एवार्ड सम्मान, 2023 में अहमदाबाद में कथक नृत्य प्रतियोगिता में सेकेंड प्राइज और हिपहॉप में फर्स्ट प्राइज विजेता रही। 2023 के मधुगुंजन समारोह के कथन नृत्य में भी अनंता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 2024 में ही अनंता के कथक घुंघरूओं को नृत्य विभूषण एवार्ड से नवाजा गया। रायगढ़ पुलिस परिवार के अनेक सांस्कृतिक आयोजनों में अनंता के पावरफुल प्रजेंटेशन को सम्मानित किया गया।
बहुआयामी प्रतिभा का स्पंदन
नृत्य तो अनंता का पैशन है। सांसें लेने की मानिंद है. लेकिन अलावा इसके, अनेक अन्य प्रतिभाएं अनंता के व्यक्तित्व में धड़कती है। कथक की कोमलता के साथ अनंता ताइक्वांडो में माहिर है। बास्केटबॉल की नंबर वन खिलाड़ी है और तो और क्रिकेट की ऑल राउण्डर प्लेयर है। स्केटर भी है। खास बात पढ़ाई में भी नंबर वन है। किताबों से दोस्ती है और पर्यटन में खास रूचि है। अनंता अच्छी तरह जानती है कि कुछ प्लेटफार्म ऐसे हैं जिनसे आप अपने सपनों को गहरी सामाजिकता से जोड़कर सच कर सकते है…. अपने हौसलों को बुलन्दी दे सकते हैं !
प्रशासनिक सेवा एक ऐसा ही मंच है। अनंता की दृष्टि इस लक्ष्य पर है। इस लक्ष्य में अनंता का यह भाव शामिल है कि प्रदेश के आमजन के जीवन में प्रशासन के प्रतिनिधि की हैसियत से, शासन की कल्याणकारी योजनाओं को ठीक से, ईमानदारी से पहुंचाया जा सकता है। अनंता का फोकस प्रशासनिक परीक्षाओं में कामयाबी हासिल करने पर है। इस कामयाबी से जीवन में, आत्मसंतोष और गौरव तथा खुशियों के घुंघरूओं की खनक होगी। अनंता के इस लक्ष्य को मेरी अनंत शुभकामनाएं। जन्मदिन मंगलम।
अम्बिका वर्मा